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उत्तर प्रदेश

कोई 'चायवाला', 'नीच' राष्ट्रनियंता बनेगा तो हादसे होंगे ही- विवादित पोस्ट करते रहे हैं बरेली के डीएम

कोई चायवाला, नीच राष्ट्रनियंता बनेगा तो हादसे होंगे ही- विवादित पोस्ट करते रहे हैं बरेली के डीएम
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कासगंज की घटना के बाद फेसबुक पोस्ट लिखकर सुर्खियों में आए बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। सामयिक मुद्दों पर बेधड़क होकर विचार रखते हैं। तंज कसने में वन और टू लाइनर का खूब इस्तेमाल करते हैं। अक्सर उन मुद्दों पर भी राय रखने से गुरेज नहीं करते, अमूमन जिन मुद्दों पर नौकरशाह कमेंट करने से बचते हैं। कासगंज की घटना के बाद मुस्लिम इलाकों में जुलूस निकालने पर सवाल उठाने के बाद उनकी फेसबुक पोस्ट वायरल हो गई। जिसके बाद उनकी फेसबुक वॉल चेक होने लगी। अब ऐसी तमाम पोस्ट लोग वायरल कर रहे हैं, जिसमें डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने 'दिल की बात' शेयर की है। फेसबुक वॉल पर शेरो-शायरी भी कई दर्ज हैं। माना जाता है कि नौकरशाह राजनीतिक और विवादित मुद्दों पर पब्लिक डोमेन में बात रखने से बचते हैं। एक तो इसके पीछे विवाद में न पड़ने की वजह होती है और दूसरी सेवा शर्तों से जुड़ी बाध्यताएं भी होती हैं।

राघवेंद्र विक्रम की फेसबुक पोस्ट से तूफान मचने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी अफसरों को नसीहत जारी की। मंत्री कहा कि अफसरों को अपनी ऊर्जा कानून-व्यवस्था मेंटेन करने में लगानी चाहिए, न कि सोशल मीडिया पर विचार रखकर किसी मामले को तूल देने की कोशिश। माना जा रहा है कि श्रीकांत शर्मा का इशारा बरेली के डीएम की तरफ ही थी। बहरहाल हम बता रहे हैं कि राघवेंद्र विक्रम सिंह की इससे पूर्व की कुछ फेसबुक पोस्ट के बारे में।

13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी एक पोस्ट उन्होंने लिखी। हाल में जब उनकी कासगंज की घटना को लेकर पोस्ट वायरल हुई तो लोगों ने इस पोस्ट को कुछ और अर्थ निकालकर वायरल करना शुरू कर दिया। इसमें चायवाला और नीच शब्द का प्रयोग था। बता दें, हाल में कांग्रेस की ओर से मोदी को 'चायवाला' और मणिशंकर अय्यर की ओर से 'नीच' कहा गया था। हाल में जब इस पोस्ट को लोगों ने वायरल करनी शुरू की तो आईएएस राघवेंद्र विक्रम सिंह ने बाद मे पोस्ट को एडिट कर सफाई दी कि-यह पोस्ट उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को औकात दिखाने के लिए लिखी है न कि उनके असम्मान में। राघवेंद्र सिंह की पोस्ट कुछ यूं थी- " जब कोई 'चायवाला' कोई 'नीच' राष्ट्र नियंता बनेगा तो भयभीत हो रहे स्थापित स्वार्थी प्रभुत्व वर्गो में हादसे तो होंगे ही ..! "

गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए साम्प्रदायिक दंगे पर बरेली के जिलाधिकारी राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने लिखा था- " अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मौहल्लों में ज़बरदस्ती जलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पकिस्तानी हैं क्या ? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए

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