अवैध खनन : सत्ता की हनक के आगे घुटने टेकता प्रशासन और धड़ल्ले से लुटते पहा

शासन की रोक के बाद भी बांदा जिले में धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। लेकिन पुलिस और प्रशासन खामोश है। पट्टों की समयावधि खत्म हो जाने के बाद पहाड़ पट्टा धारकों ने पहाड़ों पर काम बंद कर दिया है। पहाड़ों को खाली देख सत्ता पक्ष के लोगों ने पहाड़ों पर कब्जाकर दिन रात अवैध खनन कर रहे हैं। सबसे ज्यादा अवैध खनन पत्थर मंडी डहर्रा में चल रहा है। उल्लेखनीय है कि अवैध खनन को लेकर सीबीआई तक जांच पड़ताल में जुटी है। लेकिन यहां के अधिकारियों को सीबीआई का भी खौफ नहीं है। जबकि सीबीआई की टीम जिले की सीमा से सटे हमीरपुर जनपद में कई बार आ चुकी हैं।
खनिज विभाग के अधिकारी जान बूझकर चेकिंग अभियान नहीं चला रहे हैं। जिससे अवैध खनन का धंधा फल फूल रहा है। जिले में 400 से ज्यादा पहाड़ों के पट्टे थे लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद उनका नवीनीकरण न किए जाने से करीब 300 पट्टें बंद हो गए। लगभग 125 वैध पट्टे हैं। खनिज अधिकारी ए के सेन का कहना है कि उनके पास स्टाफ की भारी कमी होने के कारण वह पहाड़ों की चेकिंग नहीं कर पा रहे हैं और सूचना मिलने पर पहाड़ तक पहुंचने से पहले ही खनन कर रहे लोग भाग जाते हैं।