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उत्तर प्रदेश

अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती महिला को आधार कार्ड ना होने पर डाँट कर भगाया, सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती महिला को आधार  कार्ड ना होने पर डाँट कर भगाया, सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
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जेपी यादव..
शाहगंज(जौनपुर)। मानवता को शर्मसार करती यह घटना राजकीय पुरुष चिकित्सालय के गेट पर घटी ।
आज प्रसव दर्द से पीड़ित एक गरीब महिला अस्पताल आयी जहाँ चिकित्साकर्मियों ने पीड़ित प्रसूता से भर्ती करनें के लिए राशन कार्ड व् आधार कार्ड की माँग किये।अनुपलब्धता के कारण प्रसव दर्द से पीड़ित महिला को बाहर कर दिये जाने के कारण प्रसूता ने अस्पताल गेट पर ही बच्ची को जन्म दे दिया।

एक तरफ केन्द्र और प्रदेश सरकार जज्जा बच्चा मृत्यु दर रोकने के लिए अरबो रूपये खर्च कर रही है। वही इसकी जिम्मेदारी जिसके कंधो पर सौपी गयी है वही लोग शासन प्रशासन की इस योजना पर पानी फेर रहे है। इसका उदाहरण देखने को मिला है,शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर। यहां पर प्रसव पीड़ा से पीड़ित आयी महिला को अस्पताल कर्मचारियों ने भाग दिया। वापस लौट रही महिला ने अस्पताल के सामने ही सड़क पर बच्चे को जन्म दे दिया। भगवान का शुक्र है। कि जज्जा बच्चा दोनो सुरक्षित है।
रायबरेली जिले के निवासी चंदा जौनपुर जिले के शाहगंज रेलवे स्टेशन के पास एक अस्थायी झोपड़ी बनाकर पूरे परिवार के साथ रहती है। वह अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए सड़क व गलियों में फेके गये कबाड़ को एकत्रीत करके बेचने का काम करती है। आज उसे प्रसव पीड़ा उठा तो उसके कबिले वाले उसको लेकर शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर ले गये। चिकित्सालय के स्टाफ ने राशन कार्ड और आधार कार्ड मांगा। उसके पास दोनो नही था। जिसके कारण अस्पाल के कर्मचारियों उसका दाखिला अस्पताल में नही लिया। वह वापस लौटने लगी तो चिकित्सालय के बाहर सड़क पर उसने एक बच्चे की जन्म दे दिया। यह नाजारा देख वहां पर भारी भीड़ एकत्रीत हो गयी। मीडिया कर्मी भी कवरेज मौके पर पहुंच गये। मीडिया के दबाव में चिकित्सको ने उसे अस्पताल में भर्ती करके उपचार शुरू कर दिया है। यह तो ऊपर वाले का करिश्मा ही था कि मां और बच्चे की जान बच गयी अन्यथा पृथ्वी के भगवान माने जाने वालो ने दोनो को मरने के लिए वापस भेज दिया था।
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