एक बेबस मां की गुहार- साहब! रोटी दो या फिर मौत
BY Anonymous29 Jan 2018 11:43 AM GMT

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Anonymous29 Jan 2018 11:43 AM GMT
प्रदेश सरकार किसी को भी भूखे पेट न सोने देने की लाख दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. झांसी में सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकार एक महिला ने अपने बच्चों संग जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर गुहार लगाई है कि या तो उन्हें रोटी मुहैया कराएं या फिर मौत दे दें. दरअसल दो जून की रोटी का जुगाड़ न हो पाने से परेशान इस महिला से दलालों ने राशन कार्ड बनवाने के नाम पर चार हजार भी हड़प लिए हैं और अब कलेक्ट्रेट के बाबू भी उसकी नहीं सुन रहे.
चार हजार रुपए गंवाने के बाद भी जब उसे और उसके बच्चों को रोटी नसीब नहीं हुई तो पीड़िता अपने बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची और धरने पर बैठ गई. उसके हाथ में एक चार्ट पेपर था जिस पर लिखा था 'रोटी दो या मौत दो'.
दरअसल इस महिला का नाम नर्गिस है. अपती मजदूरी करता है, लेकिन फिर भी दो जून की रोटी का जुगाड़ मुश्किल से हो पाता है. दो बच्चों का पेट वह भरे तो कैसे? इस महंगाई में पति की आय से घर चलता नहीं. फिर भी सरकारी गल्ले की दुकान से राशन लेकर काम चला लेती थी. लेकिन क्षेत्र के कोटेदार ने भी राशन देने से इनकार कर दिया, क्योंकि राशन कार्ड नहीं है. कोटेदार ने राशन कार्ड बनवाने के नाम पर चार हजार रुपए भी ले लिए. फिर भी न कार्ड बना और न ही मिला राशन.
इसके बाद नर्गिस जिला पूर्ति कार्यालय भी गई. वहां भी बाबू ने उसे चलता कर दिया. जब बच्चों की भूख और अन्न के दाने-दाने के लिए परेशान नर्गिस सोमवार को कचहरी आकर प्रशासन से रोटी मांगने लगी. उसने साफ कहा कि या तो उसे रोटी दे दो या फिर मौत. प्रशासनिक अधिकारियों ने उसकी मांग को सुनकर आश्वासन दिया कि वह उसका राशन कार्ड बनवा देंगे. हालांकि इस आश्वासन के बाद वहअपने घर चली गई. अब देखना है कि यह आश्वासन उसे रोटी दिलाता है या फिर बिलख-बिलख कर मौत.
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