कब्जा और मुआवजा 5 साल तक नहीं तो अधिग्रहण स्वत: समाप्त
BY Anonymous29 Jan 2018 10:12 AM GMT

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Anonymous29 Jan 2018 10:12 AM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. मेरठ विकास प्राधिकरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अधिग्रहीत भूमि पर भौतिक रूप से कब्जा नहीं किया गया है, पांच साल तक मुआवजा नहीं दिया गया है तो अधिग्रहण स्वतः समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मेरठ विकास प्राधिकरण के 14 अगस्त 1987 को किए गए अधिग्रहण को रद्द कर दिया है. उस दौरान रिठानी गांव की 1830,65 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हुई थी.
दरअसल इस जमीन में से तीन प्लाटों को लेकर अजय गुप्ता व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस जयन्त बनर्जी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद ये आदेश सुनाया.
कोर्ट ने जमीन में से अजय गुप्ता व अन्य के तीन प्लाटों की जारी नीलामी नोटिस 19 जुलाई 2014 को भी रद्द कर दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि सरकार चाहे तो नये सिरे से अधिग्रहण कानून के दायरे में जमीन अधिग्रहीत कर सकती है. कोर्ट ने यह आदेश नए अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 24 (2)के तहत पारित किया है.
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