निवेश मिश्रा ने मौत के बाद भी कर दिया पांच जिंदगियों को आबाद
BY Anonymous29 Jan 2018 4:38 AM GMT

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Anonymous29 Jan 2018 4:38 AM GMT
लखनऊ - महज 25 वर्ष के निवेश मिश्रा दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गए। एक तरफ पूरा परिवार अपने लाडले बेटे की मौत के गम में डूबा हुआ था, वहीं बेटे की वजह से किसी की जान बचाने की संतुष्टि भी थी। परिवारीजन निवेश की बॉडी को आर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट में लेकर गए। शाम सवा छह बजे के करीब डॉक्टरों की टीम ने ग्रीन कॉरीडोर के जरिये निवेश के लिवर को नई दिल्ली एम्स के लिए रवाना हुई। वहीं किडनी संजय गांधी पीजीआइ भेजी गई।
रायबरेली निवासी निवेश के सिर में गत दो जनवरी को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट आई थी। रायबरेली जिला अस्पताल से उन्हें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। आर्गन ट्रांसप्लांट के कोआर्डिनेटर पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि छह जनवरी को जांच को बाद ही निवेश के ब्रेन डेड होने की पुष्टि हो गई थी। इसके बाद निवेश के अंगदान के लिए परिवारीजन की काउंसलिंग की गई, लेकिन वह तैयार नहीं हुए लेकिन शनिवार रात को परिवारीजन ने खुद आर्गन ट्रांसप्लांट विभाग में आकर निवेश के अंगदान की सहमति जताई।
बड़े भाई की शादी की हो रही थी तैयारी : निवेश के चाचा अजय मिश्रा ने बताया कि निवेश के पिता कृष्ण मुरारी मिश्रा रोडवेज में बस कंडक्टर हैं। निवेश के दो और बड़े भाई हैं, जिसमें बड़े भाई मयंक की 30 जनवरी को शादी होनी थी। पूरा घर शादी की तैयारियों में लगा था। निवेश के जीजा राहुल तिवारी ने बताया कि जिस दिन उसका एक्सीडेंट हुआ घर से निकलने से पहले मम्मी-पापा को गले लगाकर खूब प्यार किया था। शाम सात बजे के करीब उसके एक्सीडेंट की खबर आई। जब डॉक्टरों ने निवेश के ब्रेन डेड होने की बात कही तो पिताजी को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने बेटे की सलामती के लिए हर मुमकिन कोशिशें की। इतनी मायूसी के बाद भी हम सबको खुशी है कि हमें अंगदान का महत्व समझ में आया। निवेश की वजह से कितने लोगों को नया जीवन मिल सकेगा।
ग्रीन कॉरीडोर से भेजे गए आर्गन : निवेश की किडनी जहां एसजीपीजीआइ भेजी गई है वहीं लिवर को नई दिल्ली एम्स भेजा गया है। केजीएमयू के आई बैंक में कार्निया डोनेशन किया गया है। इसके बाद निवेश का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
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