Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण राशन कार्डों में डेढ़ करोड़ फर्जी!

साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण राशन कार्डों में डेढ़ करोड़ फर्जी!
X
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में साढ़े तीन करोड़ राशन कार्ड धारकों में से करीब डेढ़ करोड़ फर्जी पाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार ग्रामीण इलाकों की 67 हजार राशन की दुकानों में ई-पॉस मशीनें लगने जा रही हैं। आधार कार्ड से लिंक इन मशीनों में राशन कार्डधारक को अंगूठा लगाने के बाद राशन मिलेगा। ग्रामीण इलाकों की राशन की दुकानों में ई-पॉस मशीनें लगाए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। मंजूरी मिलते ही इस साल जून तक ग्रामीण क्षेत्रों की राशन की दुकानों में ये मशीनें लगा दी जाएंगी।
शहरी क्षेत्र में 60 लाख में डेढ़ लाख फर्जी
शहरी क्षेत्र की तीन हजार राशन की दुकानों पर 60 लाख राशन कार्डधारक पिछले चार महीने पहले तक राशन पा रहे थे। ई-पॉस मशीनों में पात्र व्यक्ति ही राशन पा सकता है। ऐसे में शहरी इलाकों की राशन की दुकानों पर ई-पॉस मशीनें लगाने पर डेढ़ लाख राशन कार्ड धारक फर्जी पाए गए। अधिकारियों का कहना है कि इसी अनुपात में ग्रामीण इलाकों में भी ई-पॉस मशीनें लगते ही 3.5 करोड़ राशनकार्ड धारकों में से 1.5 करोड़ राशन कार्ड धारक फर्जी निकलने का अंदेशा है।
मशीनों पर केंद्र व राज्य का अंशदान
ग्रामीण इलाकों की 67 हजार राशन की दुकानों पर ई-पॉस मशीनें लगाए पर 17 प्रति कुन्तल खाद्यान्न के हिसाब से केन्द्र और राज्य सरकार अपना अंशदान देगी। इनमें से साढ़े आठ रुपए प्रति कुन्तल केन्द्र का बाकी हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। इन मशीनों को लगाने का ठेका निजी एजेन्सी को दिया जाएगा। ये एजेन्सी अपना कॉल सेन्टर बनाकर राशन की दुकान में लगी मशीनों का रखरखाव और उन्हें बदलने का भी काम करेगी। इस तरह सालाना करीब 100 करोड़ इन मशीनों के रखरखाव में खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
Next Story
Share it