यूपी बोर्ड परीक्षा योगी सरकार के लिए भी परीक्षा
BY Anonymous28 Jan 2018 9:44 AM GMT

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Anonymous28 Jan 2018 9:44 AM GMT
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षा एक तरह से योगी सरकार की भी परीक्षा है। नकल माफिया की कमर तोड़ने की पूरी तैयारी की गई है। नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें और मिसाल बनाएं।
रविवार को सरजू नरायण बाल विद्यालय इंटर कॉलेज आजादनगर के हीरक जयंती समारोह के मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षा किसी चुनौती से कम नहीं है। हम सभी को मिलकर इसका सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों के प्रबंधकों, केंद्र व्यवस्थापक, शिक्षक और प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी तय की गई है। सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें तो हम अपने मिशन में कामयाब हो जाएंगे। डिप्टी सीएम ने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक नकल कतई नहीं कराना चाहते लेकिन कुछ नकल माफिया सक्रिय हैं। हमें मिलकर इनका मुकाबला करना है।
नकलचियों की कोई सिफारिश नहीं
चेतावनीभरे लहजे में डिप्टी सीएम और माध्यमिक, उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि नकल कराने वाले और करने वाले दोनों जेल जाएंगे। यदि मुकदमा दर्ज हो गया तो जेल जाना पड़ेगा। इसमें किसी की सिफारिश नहीं चलेगी। हम लोगों से भी अनुरोध करना चाहते हैं कि वे किसी स्तर पर ऐसे लोगों की सिफारिश न करें।
30 को मुख्यमंत्री करेंगे समीक्षा
डिप्टी सीएम ने कहा कि 30 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वह खुद बोर्ड परीक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सूबे के सभी जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू होंगे। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यूपी बोर्ड से निकला बच्चा किसी स्तर पर पीछे न रहे। नकल रोकने का मकसद ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना है।
स्कूलों में नैतिक शिक्षा जरूरी
डिप्टी सीएम ने कहा कि स्कूलों में नैतिक शिक्षा समय की जरूरत है। समाजशास्त्रियों की रिपोर्ट है कि मानवीय और नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है। इसका असर समाज पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नैतिक शिक्षा को समय की जरूरत मानते हुए इसे अनिवार्य माना है। उन्होंने कहा कि दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियां बच्चों में नैतिक मूल्यों को बढ़ाती हैं। आज का बच्चा इन सभी से दूर होता जा रहा है। उसे कहानी सुनने के बजाय मोबाइल में ज्यादा दिलचस्पी है। वजह साफ है कि उनके पैरेंट्स के पास समय नहीं है। अमेरिका जैसे देश में अब नैतिक शिक्षा की जरूरत महसूस की गई। वहां स्कूलों में नैतिक शिक्षा को कोर्स में शामिल किया गया है।
सात शिक्षकों का सम्मान
डिप्टी सीएम ने रजत, स्वर्ण और हीरक जयंती समारोह के गवाह रहे सात शिक्षकों को सम्मानित किया। इनमें फूल सिंह भदौरिया, राजाबाबू, राम भरोसे, गिरीशचंद्र मिश्र, हरिश्चंद्र दीक्षित, राम अवतार यादव, सुरेंद्र अवस्थी शामिल हैं। पूर्व प्रधानाचार्य स्व. रामकेवल पांडेय की पत्नी चंद्रकांता को भी सम्मानित किया गया। समारोह में महापौर प्रमिला पांडेय, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक नीलिमा कटियार, एमएलसी अरुण पाठक, प्रबंधक अरुण प्रकाश अग्निहोत्री, साहित्यकार नीलांबर कौशिक, प्रदीप दीक्षित आदि मौजूद थे।
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