कासगंज हिंसा: विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार

कासगंज हिंसा लेकर विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर ले लिया है. प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस ने सरकार को कानून व्यवस्था के मामले में पूरी तरह फेल करार दिया है. समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार में जनता का भरोसा नहीं रह गया है. कासगंज में हुई सांप्रदायिक घटना ने यह साबित कर दिया है कि इस सरकार में अमन-चैन कायम नहीं रह सकता. सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने में यह सरकार अमादा हैं
उन्होंने कहा कि लचर कानून व्यवस्था की वजह से पूरे प्रदेश में अराजकता व्याप्त है. पिछले 10 महीने में उत्तर प्रदेश में समाज का कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने कासगंज में युवक की हत्या पर शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि यदि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहता तो इस दुःखद घटना को रोका जा सकता था.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आयी है तबसे पूरा प्रदेश का अराजकता और जंगलराज की आग में जल रहा है. लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में लूट, हत्या, बलात्कार, डकैती जैसी जघन्य घटनाओं में बाढ़ आ गई है. ये घटनाएं प्रदेश सरकार के माथे पर कलंक हैं.
उधर कासगंज हिंसा में दिवंगत चंदन का परिवार रविवार सुबह सड़क पर उतर आया. इस दौरान परिवार ने सरकार ने चंदन को शहीद का दर्जा देने की मांग की. यही नहीं घटनास्थल का नाम चंदन चौक रखने की मांग भी की गई. इस दौरान पुलिसवालों के समझा-बुझाकर उन्हें वापस भेज दिया. उधर कासगंज हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक हिंसा फैलाने के आरोप में 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है.