ज्ञान वर्धक एवं गुणवत्ता परक शिक्षा दी जायेः- जिलाधिकारी.
BY Anonymous27 Jan 2018 1:06 PM GMT

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Anonymous27 Jan 2018 1:06 PM GMT
हरदोई( लक्ष्मी कांत पाठक )आज बाल स्वास्थ्य पोषण दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने अपने गोद लिए बावन विकास खण्ड के ग्राम तत्यौरा के कन्या प्राथमिक विद्यालय व भिठारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के आगंनबाड़ी केन्द्रों पर जाकर कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली । आंगनबाड़ी केन्द्र तत्यौरा में 07 व भिठारी में 04 बच्चें अति कुपोषित पाये जाने पर जिलाधिकरी ने बच्चों की माताओं से वार्ता करते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा,स्वास्थ्य एवं पालन-पोषण का प्रथम दायित्व मां का होता है इसलिए सभी माताएं अपने बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान दें और नियमित रूप से अपने बच्चों का बजन कराने के साथ स्वास्थ्य परीक्षण करायें तथा बच्चों को पैष्टिक आहार दें । इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कई बच्चों का बजन स्वयं किया तथा उपस्थित साहिकाओं को निर्देश दिये कि जिन बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को नियमित नही भेजते है उनकों ग्राम प्रधान के माध्यम से बतायें कि बच्चें का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना अवश्यक है जिससे पता चल सके कि बच्चें में किसी प्रकार की कोई बीमारी /कमजोरी तो नही है । उन्होने साहिकाओं से कहा कि बच्चों में अच्छी सीख डाली जाये उन्हें स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी जाये ताकि वे अच्छी आदतों एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक हो सके । उन्होने ग्राम प्रधानों से कहा कि गांव के विकास की सबसे बड़ी जिम्मेदारी प्रधान की होती है इसलिए उन्हें गांव के कुपोषि/अति कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती माताओं पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे बच्चों एवं माताओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने में सहयोग करे और अपने क्षेत्र के विद्यालय व स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी जाकर किये जा रहे कार्यो की जानकारी लें और जहां कमियां हो उसे सुधार करें तथा ग्राम स्वास्थ्य निधि के पैसो से बजन मशीन एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी चीजों पर खर्च करें । उन्होने चिकित्सकों को भी निर्देश दिये कि गांव के कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के माता-पिता से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य की देख-रेख पर विशेष ध्यान देकर नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करें । दोनो स्थानों में आंगनबाड़ी केन्द्र में कम स्थान होने पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों व सीडीपीओ से कहा कि आंगनबाड़ी के निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजें तथा विद्यालयों के मैदान आदि स्थानों का समतलीकरण ग्राम पंचायत निधि से करायें । जिलाधिकारी ने दोनो विद्यालयों में बच्चों से बराबर बैठक कर एक शिक्षक के रूप में उनके ज्ञान की परीक्षा ली तथा शिक्षकों को निर्देश दिये कि केवल पढ़ाने से काम नही चलेगा बल्कि बच्चों का उसका ज्ञान भी होना चाहिए इस लिए बच्चों को ज्ञान वर्धक एवं गुणवत्ता परक शिक्षा दी जाये
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