संविधान बचाओ के नारे के साथ विपक्षी दलों ने दिखाई एकता
BY Anonymous26 Jan 2018 2:07 PM GMT

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Anonymous26 Jan 2018 2:07 PM GMT
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि विपक्षी दल 29 जनवरी को दिल्ली में बैठक करेंगे और बीजेपी के खिलाफ आगे की लड़ाई पर विचार करेंगे। विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संविधान बचाओ मार्च निकाला। गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाले गये मार्च में वामपंथी दलों के नेता समेत कई विपक्षी नेता एक मंच पर आये और उन्होंने लोकसभा चुनावों से करीब एक साल पहले बीजेपी के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की।
संविधान बचाओ मार्च में पवार के अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी, जदयू से निष्कासित शरद यादव, भाकपा के डी राजा, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे और राज्य के अन्य कई नेताओं ने हिस्सा लिया। राज्य सचिवालय के पास ओवल मैदान से शुरू हुआ मार्च करीब दो किलोमीटर की दूरी तय करके दक्षिण मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर समाप्त हुआ।
गेटवे ऑफ इंडिया पर मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा कि समान विचार वाले दलों ने साथ में आने का और संविधान 'बचाने के लिए रैली निकालने का सामूहिक फैसला किया था। उन्होंने कहा, ''अगर हम इसके खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाएंगे तो यह राष्ट्र और संविधान के लिए नुकसानदेह होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता आगे की बातचीत 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में करेंगे।
इस मौके पर राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और डी पी त्रिपाठी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी भी मौजूद थे। येचुरी ने इस मौके पर दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी संविधान में लोगों को मिले बुनियादी अधिकारों पर हमले कर रही है।
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