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शहीद की मां-पत्नी को देख राजपथ पर भावुक हुए राष्ट्रपति कोविंद, आंखों से झरझर बहे आंसू
BY Anonymous26 Jan 2018 6:01 AM GMT

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Anonymous26 Jan 2018 6:01 AM GMT
आंसू निकलना भावुक होने की निशानी होती है। आप किसी बात को लेकर जब भावुक हो जाते हैं या किसी के साथ अंदर तक जुड़े होते हैं तब बरबस आप भावुक हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा था आज सुबह का भी जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भावुक हो गए। बरबस उनकी आंखों से आंसू छलक गए। मौका था शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करने का।
जैसे ही शहीद कमांडों की मां और पत्नी को मंच पर आमंत्रित किया गया अचानक ही कोविंद भावुक हो गए और उनकी आंखें छलक गईं। शहीद कमांडो को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। जब एनाउंसर शहीद की मां और पत्नी को मंच पर आमंत्रित करने के दौरान निराला की साहसिक कारनामे को सुनाना शुरू किया वैसे ही देखा गया कि कोविंद भावुक हो गए और उनकी आंखें भर गईं।
शहीद की मां और पत्नी को सम्मानित करने के बाद जब वो अपनी कुर्सी पर बैठे तो उनकी आंखों में आंसू थे और वो रूमाल निकाल कर अपने आंसू पोछ रहे थे।
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