बटुकों ने धोती पहन लगाए चौके-छक्के, संस्कृत में कमेंटरी
BY Anonymous25 Jan 2018 5:59 AM GMT

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Anonymous25 Jan 2018 5:59 AM GMT
वाराणसी - संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर बुधवार को एक अलग नजारा था, जो वर्ष में केवल एक बार देखने को मिलता है। क्रिकेट मैच की कमेंट्री संस्कृत में हो रही थी, वहीं मैदान में तिलकधारी बटुक धोती पहनकर चौके-छक्के उड़ा रहे थे। शानदार क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी ने भी दर्शकों की तालियां बटोरीं। बुधवार को बटुकों के हाथों में वेद और संस्कृत की पुस्तकों की जगह बल्ला और गेंद थी।
मैच के दौरान चतुर धावनांक: (चार रन), षड् धावनांक: (छह रन) फलकधारक (बल्लेबाज), कंदुक प्रेक्षपका: (गेंदबाज) जैसे शब्दों के प्रयोग ने कमेंट्री को रुचिकर बना दिया। विश्वविद्यालय में कई दिनों से चल रही खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत बुधवार को बटुकों के लिए क्रिकेट मैच आयोजित किया गया। इस दौरान संस्कृत विद्यालय श्रीरामदास काठिया बाबा संस्कृत महाविद्यालय और शास्त्रार्थ महाविद्यालय के छात्रों के बीच मैच खेले गए। अंपायरों ने भी पंडितों की वेशभूषा में सिर पर टोपी लगाकर अंपायरिंग की।
मैच में अंपायरिंग कर रहे पंडित ओमजी ने बताया कि संस्कृत पाठशालाओं में ब्राह्मण घरों के बच्चे पढऩे आते हैं। जो आधुनिक जीवनशैली नहीं सीख पाते। वे खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी नहीं के बराबर लेते हैं। जिससे ये शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इसे देखते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पिछले चार वर्ष से यह आयोजन कर रहा है। मैच में बटुक अपनी ब्राह्मण की वेशभूषा में ही खेल में हिस्सा लेते हैं।
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