BY Anonymous23 Jan 2018 2:40 PM GMT

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Anonymous23 Jan 2018 2:40 PM GMT
इलाहाबाद - पोंटी चड्ढा की कंपनी मेसर्स एक्युरेट फूड्स एंड ब्रिवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को आबकारी विभाग ने फिर नोटिस भेजी है। इससे कंपनी के सामने बाजार में खड़े होने पर भी संकट आ गया है। कंपनी को लाइसेंस फीस जमा करने संबंधित पहली नोटिस भेजने के बाद आबकारी आयुक्त ने एक और नोटिस भेजकर कहा है कि उसे मेरठ विशिष्ट जोन में शराब और बीयर की दुकानें संचालित करनी हैं तो प्रतिभूति राशि यानी सिक्योरिटी मनी जमा करे। यह नोटिस कंपनी की सिक्योरिटी मनी 265 करोड़ रुपये पिछले दिनों जब्त करने के बाद भेजी गई है।
गुरमीत सिंह उर्फ पोंटी चड्ढा की कंपनी से पाई-पाई वसूलने में लगे आबकारी विभाग जुटा है। लाइसेंस फीस की दूसरी किश्त 53 करोड़ 91 लाख 15 हजार 750 रुपये और देशी शराब के एमजीक्यू (मिनिमम गारंटीड कोटा) के रूप में करीब चार सौ करोड़ रुपये की अदायगी न होने पर आबकारी विभाग ने शासन के निर्देश पर कंपनी की सिक्योरिटी मनी करीब 265 करोड़ रुपये जब्त कर लिया है। यह राशि कंपनी को आबकारी आयुक्त की ओर से भेजी गई नोटिस की समय सीमा खत्म होने के कई दिनों बाद जब्त की गई है, जबकि नोटिस के संबंध में कंपनी की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल याचिका विचाराधीन है। वहीं आबकारी विभाग ने कंपनी से राजस्व वसूलने को और सख्ती दिखाई है। पिछले सप्ताह आबकारी आयुक्त धीरज साहू ने कंपनी को एक नोटिस भेजकर कहा है कि उसे मेरठ विशिष्ट जोन में दुकानों का संचालन करना है तो सिक्योरिटी मनी जमा करे। ऐसी परिस्थिति में कंपनी के सामने संकट उत्पन्न हो गया है कि लाइसेंस फीस वसूली के लिए प्राप्त नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती देने के बाद वह इस दूसरी नोटिस पर क्या करे। वहीं 265 करोड़ रुपये जब्त होने के बाद सिक्योरिटी मनी जमा करके ही शराब बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखना भी कंपनी की मजबूरी है।
पोंटी चड्ढा की कंपनी पर सरकार का शिकंजा कस रहा है। वहीं, कंपनी प्रबंधन भी सरकार से डटकर सामना करने के मूड में है। आबकारी विभाग के अफसर बताते हैं कि मेरठ जोन में एकांतिक विशेषाधिकार 2018-19 में खत्म होने की कगार पर है। नई आबकारी नीति से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मेरठ विशिष्ट जोन या किसी अन्य जोन में पोंटी चड्ढा की कंपनी शराब बाजार में टिक पाएगी या नहीं।
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