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फेसबुक ने बिछड़े हुओं को मिलाया, 25 साल पहले भारत से लापता हुई बच्ची पाकिस्तान में मिली

फेसबुक ने बिछड़े हुओं को मिलाया, 25 साल पहले भारत से लापता हुई बच्ची पाकिस्तान में मिली
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25 साल पहले भारत से लापता हुई एक बच्ची जब पाकिस्तान में मिली तो हर कोई हैरान रह गया. असम के धुबरी ज़िले से मोमिना के पाकिस्तान पहुँचने से लेकर वापस भारत में अपने रिश्तेदारों को ढूंढ निकालने की कहानी किसी फिल्मी प्लाट से कम नही है.
गुवाहटी से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित धुबरी जिले के गुल्लकगंज के एक छोटे से कस्बे में 14 साल की मोमिना अचानक लापता हो गयी. पुलिस मे गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ पर जैसा अधिकतर मामलों में होता है, बच्ची का पता नही चला. वक्त बीतता गया और घर वालों ने भी मोमिना के मिलने की आस छोड़ दी. मोमिना कहां है, किस हाल में है किसी को इसकी खबर नहीं थी.
मोमिना को लापता हुए 25 साल से भी ज्यादा समय बीत गया, इस दौरान मोमिना की मां भी अपनी लाडली बेटी का गम दिल में लिये इस दुनिया से चल बसीं. घर के दूसरे सदस्यों ने भी उसके ज़िन्दा होने की आस छोड़ ही दी थी. 25 साल बाद पाकिस्तान से उसी मोमिना ने अपने घर वालों से बात की और न्यूज़ 18 बना इस खास लम्हे का गवाह. मोमिना की उम्र अब करीब 40 साल की है, अपने परिवार के बारे में उसे ज्यादा कुछ याद नहीं है, पर जब अपने अपनों से उसने बातें की तो उसकी आँखें अपने आप छलक पड़ीं.
मोमिना के ज़ेहन में सिर्फ अपने इलाके का नाम--गुल्लकगंज और यहां के एक पुल की धुंधली सी याद थी.
कंक्रीट का यही पुल मोमिना के खो चुके रिश्तों को जोड़ने वाला पुल बना. दरअसल गुल्लकगंज के ही एक लाइब्रेरेरियन मजिनुर रहमान को पाकिस्तान से एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और फिर सारी कड़ियां अपने आप जुड़ती गईं. मजिनुर रहमान को ये रिक्वेस्ट मोमिना के पति की पहली पत्नी के नवासे ने भेजी थी. इसी नवासे ने अपनी मोमिना नानी के परिवार को ढूँढ निकाला.
मुलाकात की राह में हैं कई मुश्किलें
मोमिना के भारत से लापता होने के बाद पाकिस्तान में मिलने की कहानी का सुखद अंत यही है कि वो पाकिस्तान में महफूज़ हैं. अब दोनों देशों के परिवार आपस में मिलना चाहते हैं लेकिन उनके सामने कई मुश्किले हैं. एक तरफ मोमिना अपने बीमार पति और छोटे बच्चों को छोड़कर भारत नहीं आ सकती. दूसरी तरफ गरीबी के कारण असम का परिवार भी मोमिना से मिलने नहीं जा सकता. दोनों परिवार अब एक दूसरे से मिलने के लिये मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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