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उत्तर प्रदेश

लोहिया अस्पताल : 24 घंटे में इलाज के दौरान दो शिशुओं की मौत पर हंगामा और तोड़फोड़

लोहिया अस्पताल : 24 घंटे में इलाज के दौरान दो शिशुओं की मौत पर हंगामा और तोड़फोड़
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राजधानी लखनऊ के लोहिया अस्पताल में बच्चों के इलाज में लापरवाही की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। 24 घंटे के दौरान दो और शिशु की इलाज के दौरान सांसें थम गईं। परिवारीजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। नाराज लोगों ने दरवाजे का कांच तोड़ दिया। हंगामा और बवाल के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया।
कल्याणपुर निवासी प्रिया को प्रसव पीड़ा के बाद लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रसव के बाद शिशु की तबीयत बिगड़ गई। सुबह करीब 9 बजे शिशु को एनआईसीयू में बेड नंबर 11 पर भर्ती किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि उसको सांस लेने में तकलीफ थी। हालत गंभीर थी। उसे केजीएमयू रेफर किया जा रहा था पर परिवारीजन उसे ले जाने को तैयार नहीं थे। इलाज के दौरान शिशु की मौत हो गई। परिवारीजनों का आरोप है कि एनआईसीयू में डॉक्टर व कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया, इस वजह से बच्चे की मौत हुई। इससे नाराज परिवारीजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि एनआईसीयू में ठंड अधिक थी। पंखा भी चलाया जा रहा था। इस वजह से बच्चे की परेशानी बढ़ गई थी। इसके बावजूद किसी ने शिशु की सेहत पर ध्यान नहीं दिया। सुरक्षा गार्डों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो लोगों ने दरवाजे का कांच तोड़ दिया। मामला बढ़ता देख सुरक्षा कर्मियों ने अस्पताल प्रशासन को जानकारी दी। मौके पर चिकित्सा अधीक्षक पहुंचे। उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। वहां पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।
लोहिया अस्पताल में दूसरी घटना रविवार सुबह हुई। इसमें महमूदाबाद निवासी राधेश्याम की पत्नी सोनाली को प्रसव पीड़ा के बाद लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राधेश्याम का आरोप है कि प्रसव के बाद शिशु एकदम सेहतमंद था पर डॉक्टरों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। शनिवार रात उसे एनआईसीयू में शिफ्ट किया गया। यहां डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए उसको ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। परिवारीजनों का कहना है कि ट्रामा सेंटर में यहां के डॉक्टरों ने बात नहीं की। इस वजह से वहां बेड नहीं मिल सका। बच्चे को वापस कर दिया गया। लोहिया में बच्चे को लाने के बाद डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने में आनाकानी शुरू कर दी। इसमें काफी समय गुजर गया। हालत बिगड़ने पर उसे डॉक्टर ने दोबारा भर्ती किया पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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