सरकार कितनी गम्भीर है? बच्चे साफ करते शौचालय सरकारी स्कूल के
BY Anonymous21 Jan 2018 7:56 AM GMT

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Anonymous21 Jan 2018 7:56 AM GMT
कानपुर : बच्चे को शिक्षित करने के लिए सरकार कितनी भी गम्भीर हो पर बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में बच्चों से शौचालय साफ कराए जा रहे हैं। मलवां विकास खंड के कोरसम गांव स्थित प्राथमिक स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ तो विभाग में हड़कम्प मच गया। यही नहीं, इस स्कूल में चार शिक्षिकाओं की तैनाती होने के बाद भी बच्चे ही सुबह स्कूल का ताला खोलते हैं और साफ-सफाई करने के बाद प्रार्थना सभा भी बच्चे खुद ही लगाते हैं। यह सब हो जाने के काफी देर बाद एक दो शिक्षिकाएं स्कूल पहुंचती हैं।
प्राथमिक विद्यालय कोरसम में कुल 60 बच्चे पंजीकृत हैं। जिनको शिक्षा देने के लिए प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षिकाओं की तैनाती है। लेकिन एक भी शिक्षिका समय से स्कूल नहीं पहुंचती हैं। यहां के बच्चे खुद ही स्कूल का ताला खोलते हैं और शौचालय से लेकर कमरों की साफ सफाई करते हैं। उसके बाद सभी बच्चे मिलकर प्रार्थना सभा आयोजित करते हैं। शौचालय सफाई का जो वीडियो वायरल हुआ हुआ है उसमें साफ तौर पर बच्चे शौचालय साफ करते देखे जा रहे हैं। बच्चों ने बताया कि इसके लिए बड़ी मैडम ने कहा है। बच्चों का कहना रहा कि यह काम प्रतिदिन करते हैं।
समय से नहीं पहुंचती शिक्षिकाएं: प्राथमिक विद्यालय कोरसम में तैनात अधिकांश शिक्षिकाएं कभी भी स्कूल समय से नहीं पहुंचती है। अभिभावकों का आरोप है कि अपने बच्चों को स्कूल शिक्षा के लिए भेजते हैं न कि साफ सफाई के लिए नहीं भेजते हैं। अभिभावकों ने बताया कि दूसरे जनपद से शिक्षिकाओं का आना जाना रहता है।
बच्चों की जुबानी
शौचालय साफ कर रही बच्चियों ने बताया कि सफाई के लिए बड़ी मैडम ने कहा है। रोज सफाई की जाती है। उसके बाद मैडम आती हैं तब पढ़ाई करते हैं। पूछने पर बताया कि मैडम सुबह स्कूल नहीं आती हैं।
प्रधानाध्यापिका रीता गुलाटी ने कहा कि वीडियो बनाने वाला युवक बदले की भावना से काम कर रहा है। सभी समय से स्कूल पहुंचते हैं। सभी शिक्षकों का आवास जिले में ही है। बच्चों से सफाई कराने की बात गलत है। बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। बीईओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तरीय टीम भी जांच करेगी, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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