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18 मार्च से 31मार्च तक देश के लाखो स्थानो पर श्रीराम महोत्सव का आयोजन होगा
BY Anonymous21 Jan 2018 7:10 AM GMT

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Anonymous21 Jan 2018 7:10 AM GMT
वासुदेव यादव
अयोध्या (20 जनवरी ) विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठनमंत्री (उत्तर प्रदेश)अम्बरीष सिंह ने आज यहां कहा श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण होकर रहेगा परन्तु इस के पूर्व देश भर के हिन्दुओ मे सामाजिक समन्वय स्थापित करना होगा इसके लिए प्रदेश मे पांच हजार हजार स्थानो पर18 मार्च से 31 मार्च तक श्रीराम महोत्सव काआयोजन यानि देश भर के गांव गांव मे श्रीराम मंदिर होगा।
उन्हो ने कहा श्रीराम हमारी आस्था श्रद्धाऔर भक्ति के केन्द्र है उनकी स्तुति मात्र से समस्त जीवो का कल्याण संभव है।उन्होंने कहा यही नही उनका नाम जप समस्त बाधाओ को समाप्त कर समाज और राष्ट्र का उद्घार करने वाला विजय महामंत्र बन गया है।
उन्होने कहा कर्नाटक के उड़पि मे विराट धर्मसंसद और बीते शुक्रवार को प्रयाग मे हुये संत सम्मेलन मे भी निर्णय हुआ कि 18 मार्च से हनुमान जयंती 31मार्च तक देश के लाखो स्थानो पर श्रीराम महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान शोभायात्रायें श्रीराम चरित्र मानसपाठ तथा संत धर्माचार्यो का प्रवचन भी होगा और इस बार 1992 की भांति सर्व पंथो को भी इस धार्मिक महोत्सव से उनकी पूजा पद्धति जोड़कर इसे व्यापक गति दी जायेगी।सम्पूर्ण देश भर यह धार्मिक अनुष्ठान हिन्दू समाज को जहां आत्मबल से परिपूर्ण कर देगा वही समाज को सामाजिक समरस्ता के महाबंधन मे जोड़ देगा।
विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष सिंह कारसेवक पुरम् मे एक दिवसीय प्रवास पर थे,इस दौरान प्रेस वक्तव्य मे कहा संगठन को मजबूत करने के लिए हितचिंतक सम्मेलनो का सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश मे जिला, प्रखंड तथा महानगर स्तर पर आयोजन किये गये। विहिप हितचिंतक ही आगामी कार्यक्रमो की सफलता के माध्यम बनेगे।उन्होने कहा विहिप के रचनात्मक और आंदोलनात्मक कार्यक्रमो की सिद्धी तभी होगी जब संगठन का सम्पूर्ण तंत्र मजबूती के साथ कसेगा।
उन्होने कहा पूर्वी उत्तर प्रदेश मे पांच हजार स्थानो पर श्रीराम महोत्सव के आयोजन की तैयारिया प्रारंभ हो गयी है।क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रान्तो मे बैठके भी शुरू होगई है।
उन्होने कहा कार्यक्रम सामूहिक एक जुटता का माध्यम है।जितने अधिक रचनात्मक कार्यक्रम होगे उतनी अधिक ऊर्जा से संगठन कार्यकर्ता समाज और राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्यो के प्रति तत्पर होगे।
उन्हो ने कहा मंदिर निर्माण होकर रहेगा इसके पूर्व 1984 से 1992 की समाजिक समन्वय वाली स्थिति को पुनः गति देनी होगी।जाति पंथ क्षेत्र और भाषा का समन्वय ही राम मंदिर निर्माण की आधार शिला होगी।जिसके लिये भगवान श्रीराम सहित सभी देवो की अराधना करनी ही होगी।
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