वरुण गांधी ने सांसद निधि से खरीदे उपकरण अस्पताल को सौंपे
BY Anonymous20 Jan 2018 4:16 PM GMT

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Anonymous20 Jan 2018 4:16 PM GMT
सुल्तानपुर : सांसद वरुण गांधी ने कहा कि मुझे जितना आज मिला है, उसका लाभ दूसरों को कितना मिल रहा है। यह सवाल बार-बार उनके मन में पैदा होता है। कहा, मैं सोचता हूं कि मैं रहूं या न रहूं, मगर इतना कर जाऊं कि जो लोग याद रखें और उसका जनता को लाभ मिले।
वे शनिवार को जिला अस्पताल की न्यू इमरजेंसी विंग में जीवनरक्षक उपकरणों का लोकार्पण बाद जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। न्यू इमरजेंसी के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण सांसद निधि से करीब डेढ़ करोड़ रुपए देकर उपलब्ध कराए हैं। सभा में सांसद ने कहा कि देश में अमीरी-गरीबी की खाई बहुत बड़ी है।
दार्शनिक अंदाज में बोले वरुण : सांसद वरुण गांधी ने कहा कि सुलतानपुर के 16 लाख लोगों ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है। उसे वे बखूबी निर्वहन करने की जरूरत महसूस करते हैं। कहा कि जनप्रतिनिधियों को एक-एक पाई का हिसाब अपनी जनता को देना चाहिए। यह पैसा उनका नहीं बल्कि देश की जनता का है। हैंडपंप व सोलर लाइट से सस्ती लोकप्रियता कमाई जा सकती है, लेकिन उन्हें देश की भावी पीढ़ी की चिंता है। भरोसा दिलाया कि वे शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं क्षेत्र में 90 फीसदी पैसा खर्च करेंगे। कहा प्रदेश में सभी जिला अस्पतालों की हालत एक जैसी है। अगर उसकी दशा देखकर आपके आंख में आंसू नहीं आए तो आप इंसान नहीं हैं। दशा यह है कि एक ही बेड पर दो-दो प्रसूताओं की डिलिवरी कराई जाती है। एम्स में जाने वाले ज्यादातर मरीज बेड न मिलने के कारण वापस कर दिए जाते हैं। एम्स का मानना है कि हर साल वहां जाने मरीजों में 50 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है।
देश को मेडिकल व एजुकेशन सर्विस की जरूरत : सांसद वरुण गांधी ने कहा कि इस देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सर्विस (आईपीएस) हो सकती है तो इंडियन मेडिकल सर्विस व इंडियन एजुकेशन सर्विस क्यों नहीं। जिस देश की दो फीसदी जीडीपी स्वास्थ्य पर खर्च होती हो तो उस देश का भविष्य खतरे में है। उनका मानना है कि देश की 10 फीसदी जीडीपी शिक्षा व 10 फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च की जानी चाहिए।
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