योगी कैबिनेट में फेरबदल के आसार, नॉनपरफॉर्मर मंत्रियों की छुट्टी संभव
BY Anonymous20 Jan 2018 3:02 AM GMT

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Anonymous20 Jan 2018 3:02 AM GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मार्च के बाद अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होने वाले इस पुनर्गठन में अपेक्षा के अनुरूप परफार्मेन्स न देने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो विधानसभा और निकाय चुनाव में अपने काम को बखूबी अंजाम देने वाले प्रदेश स्तर पार्टी पदाधिकारियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।
पार्टी के प्रदेश स्तर के उच्च पदाधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का मार्च के बाद उपयुक्त समय है। तब तक प्रदेश सरकार का एक साल भी हो जाएगा। उस समय हर मंत्री का एक साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मुख्यमंत्री के सामने होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन हर मंत्री पर बराबर नजर रखे हुए है।
सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में मंत्री के काम के साथ उसके व्यक्तिगत आचरण, फरियादियों के प्रति उसका व्यवहार, विभागीय ठेकों में उसकी संलिप्तता की सीमा, संगठन के कार्यों में उसकी रुचि, आवंटित विभाग में उसके परिजनों का दखल, विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के सवालों को जवाब देने की क्षमता और उसके निजी स्टाफ का रवैया जैसे सभी बिन्दुओं को देखा जा रहा है।
सरकार व संगठन द्वारा निर्धारित मानकों पर करीब आधा दर्जन काबीना व स्वतंत्र प्रभार से लेकर राज्य मंत्री तक खरे नहीं उतरे हैं। ऐसे में इन मंत्रियों को हटाकर केवल विधायक रहने दिया जाएगा या फिर उन्हें संगठन के काम में लगाया जा सकता है। यही नहीं कुछ वरिष्ठ काबीना मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है।
पार्टी के प्रदेश स्तर के कुछेक ऐसे महामंत्रियों और उपाध्यक्ष स्तर के पदाधिकारियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है, जिन्होंने विधानसभा और निकाय चुनाव में अपनी सांगठानिक क्षमता का प्रदेश नेतृत्व को लोहा मनवाया। उनकी चुनावों में मिली जीत में अहम भूमिका रही। हालांकि, ऐसे पदाधिकारी किसी सदन के सदस्य तो नहीं हैं, लेकिन इसी साल मई तक विधानपरिषद की खाली होने वाली सीटों के चुनाव में उन्हें जितवाकर मंत्रिमंडल में कायम रखा सकता है।
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