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भाजपा से भिड़ेगा सपा का डिजिटल नेटवर्क, सोशल साइट्स पर कार्यकर्ताओं की चेन खड़ी की जा रही
BY Anonymous10 Jan 2018 5:16 AM GMT

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Anonymous10 Jan 2018 5:16 AM GMT
लखनऊ - समाजवादी पार्टी ने जहां प्रदेश सरकार को कई मुद्दों पर विफल बताते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ तहसीलों में माहौल बनाने की तैयारी की है, वहीं संगठनात्मक स्तर पर बूथों पर भी उसकी निगाह है। पार्टी ने बूथ स्तर पर भाजपा का मुकाबला उसी के हथियार से करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत बूथों पर सक्रिय टीमों की डिजिटल डाटा तैयार किया गया है। इस टीम की पहली जिम्मेदारी मतदाता पुनरीक्षण में सपा समर्थक मतदाताओं का नाम सूची में दर्ज कराने की होगी।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही विधायकों और पूर्व विधायकों की बैठक में मतदाता पुनरीक्षण पर खास जोर देने का निर्देश दिया है। इसके पीछे नगरीय निकाय चुनावों से मिला फीडबैक भी एक मुख्य कारण है। खासतौर से नगर निगमों के चुनाव में पार्टी को बड़ी संख्या में यह शिकायतें मिली थीं कि उसके समर्थकों का मतदाता सूची में नाम ही नहीं था और वह चाहकर भी वोट नहीं डाल सके थे। खास तौर पर अयोध्या और इलाहाबाद से यह शिकायतें आई थीं।
इसे देखते हुए ही पार्टी ने बूथों की मजबूती को डिजिटल डाटा तैयार कराया है। हर बूथ के सक्रिय कार्यकर्ताओं का फोन नंबर से लेकर उनके ईमेल वाट्सएप आदि एकत्र कर उन्हें मुख्यालय से जोड़ा गया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार बूथों पर युवाओं को खास तौर से जोड़ा गया है और उनसे लगातार संपर्क भी रखा जा रहा है। इन युवाओं को ही बूथवार मतदाता सूचियों में नाम जोडऩे की जिम्मेदारी भी दी गई है। संगठन भी उनके साथ लगेगा।
सपा ने इसके साथ ही सोशल नेटवर्किंग को भी प्रमुखता दी है जो 2017 में भाजपा की जीत का मुख्य आधार था। ट्विटर से लेकर सभी सोशल साइट्स पर कार्यकर्ताओं की चेन खड़ी की जा रही है। चूंकि इसमें त्वरित रिस्पांस मिलता है, इसलिए इस पर खास ध्यान है। पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसे एक प्रमुख माध्यम के रूप में अपनाया हुआ है। पार्टी का फोरम है ही। इसमें आंकड़ों के विश्लेषण के लिए भी एक टीम तैयार की गई है।
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