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उत्तर प्रदेश

उपचुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने में जुटे अखिलेश

उपचुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने में जुटे अखिलेश
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समाजवादी पार्टी की बेहद अहम रणनीतिक बैठक 6 जनवरी को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में होने जा रही है. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनावों के बहाने सपा संपूर्ण विपक्ष को एक करने की अनोखी कोशिश करने जा रही है.
वैसे बैठक का न्यौता सभी विपक्षी दलों को अखिलेश यादव की तरफ से भेजा गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में दशकों बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि विपक्ष एक छत के नीचे खड़ा दिखाई देगा. सूत्रों के मुताबिक अगर सहमती बन गई तो दोनों ही सीटों पर विपक्ष एक ही दल के प्रत्याशी को समर्थन कर सकता है.
अखिलेश यादव ने कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और कम्यूनिस्ट पार्टी को न्योता भेज कर कहा है कि लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर संपूर्ण विपक्ष की एकता बेहद जरुरी है. अब 6 जनवरी की बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी को रोकने के लिए सपा की यह रणनीति कितना सफल रही है.
वैसे बीएसपी का उपचुनाव ना लड़ने का इतिहास रहा है. ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या सम्पूर्ण विपक्ष एकजुट होकर दोनों ही सीटों पर एक ही प्रत्याशी उतारता है या फिर अलग-अलग. हालांकि सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी की मानें तो समाजवादी दोनों ही जगहों पर प्रत्याशी खड़ा करेगी. उनके बयान और विपक्षी दलों की बैठक के बीच अब अटकलों का बाजार गर्म है कि सभी विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में समर्थन कर सकते हैं.
राजेंद्र चौधरी ने गुरुवार को कहा कि अखिलेश यादव ने 6 जनवरी को सभी विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा कि बैठक में आगामी दो लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनावों में बैलट पेपर का प्रयोग हो इसकी मांग को लेकर चर्चा होगी.
चौधरी से जब पूछा गया कि क्या पार्टी गोरखपुर और फूलपुर सीट पर गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी गठबंधन की बात नहीं है, लेकिन दोनों ही सीटों पर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी.
चौधरी ने कहा कि पार्टी ने दोनों ही जगहों पर मजबूती से चुनाव लड़ने में जुटी है. पार्टी के कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मेहनत कर रहे हैं. कार्यकर्ता और जनता का विश्वास अखिलेश यादव के साथ है.
कहा यह भी जा रहा है कि दोनों ही जगह होने वाले उपचुनाव के परिणाम 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन की स्थिति को भी साफ़ करेंगे. लिहाजा संभव है कि सभी विपक्षी दल एक ही प्रत्याशी उतारकर बीजेपी के सामने चुनौती पेश करें. अगर संपूर्ण विपक्ष एक होकर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ता है तो बीजेपी के सामने परेशानी खड़ी हो सकती है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद गोरखपुर और फूलपुर की सीट खाली हुई है. इन दोनों ही सीटों पर 22 मार्च से पहले चुनाव होने है. उम्मीद है कि फ़रवरी में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां भी उपचुनाव होंगे.
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