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उत्तर प्रदेश

कन्नौज से लोकसभा चुनाव में ताल ठोकेगे अखिलेश, भांप रहे कन्नौज की फिजा

कन्नौज से लोकसभा चुनाव में ताल ठोकेगे अखिलेश, भांप रहे कन्नौज की फिजा
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समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस बार लोकसभा चुनाव में दांव आजमा सकते हैं। वह पहले से यह संकेत दे चुके हैं कि उनके परिवार से डिंपल यादव चुनाव नहीं लड़ेंगी। पार्टी के भीतर यह मंथन शुरू हो चुका है कि चूंकि अखिलेश यादव पहले कन्नौज से सांसद रह चुके हैं, इस वजह से कन्नौज उनके लिए ही सबसे 'सेफ' है। पार्टी के लोकसभा चुनाव की जिताऊ सीटों पर चर्चा के लिए एसपी ने आठ जनवरी को बैठक भी बुलाई है। इसमें कुछ सीटों पर नाम फाइनल किए जा सकते हैं।

अखिलेश भांप रहे कन्नौज की फिजा

सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव कन्नौज सीट को लेकर खुद पड़ताल कर रहे हैं। कन्नौज उनकी कर्मभूमि रही है और उन्होंने अपनी सरकार में कन्नौज का खास ख्याल भी रखा। अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं। कुछ महीने पहले जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विदेश दौरे पर थे तो उन्होंने अखिलेश यादव के परिवारवाद का जिक्र किया था। इस पर अखिलेश यादव ने तुरंत डिंपल यादव के कभी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था। अगर डिंपल कन्नौज से चुनाव नहीं लड़ती हैं तो कौन चुनाव लड़ेगा? इसकी तफ्तीश शुरू हुई तो सबकी यही राय थी कि अखिलेश यादव के अलावा यहां किसी और के लिए भी दांव आजमाना ठीक नहीं होगा।

दरअसल कन्नौज में पिछला लोकसभा चुनाव कांटे का रहा था। डिंपल यादव और बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच केवल 19 हजार वोट का ही अंतर था। अखिलेश यह नहीं चाहते हैं कि कन्नौज में भी फिरोजाबाद जैसा इतिहास दोहराया जाए। 2009 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर ने डिंपल को हरा दिया था। यह डिंपल का पहला चुनाव था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस वजह से वह खुद यहां से लड़ने के मूड में हैं।

मुलायम के लिए मैनपुरी तय

इस बार लोकसभा चुनाव के लिए एसपी ने सबसे पहले तैयारी शुरू कर दी है। बाकायदा फॉर्म के जरिए आवेदन मांगे जा रहे हैं और छंटनी के बाद 'योग्य' उम्मीदवारों की तलाश शुरू होगी। पर लोकसभा चुनाव के लिए परिवार के सदस्यों के लिए 'सेफ' सीट पर भी मंथन शुरू हो गया है। मुलायम परिवार में कौन कहां से लड़ेगा, इसकी तैयारी भी पहले से शुरू कर दी गई है। जो 'सेफ' सीटें छांटी गई हैं, वहां पहले से पूर्व विधायकों, सांसदों, पूर्व सांसदों और मौजूदा विधायकों के साथ संगठन को पूरी तैयारी करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

हाल ही में मुलायम ने आजमगढ़ के बदले मैनपुरी से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। यहां के सांसद तेज प्रताप यादव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। अब तेज प्रताप के लिए नई सीट तलाशी जाएगी। इसमें आजमगढ़ को भी चुना जा सकता है। एसपी के प्रधान महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद से सांसद हैं। वह 2019 में भी वहीं से दांव आजमा सकते हैं। अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेद्र यादव भी बदायूं से ही दांव आजमा सकते हैं।

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