यूपीकोका विपक्ष को दबाने के लिए:अखिलेश
BY Anonymous21 Dec 2017 2:44 AM GMT

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Anonymous21 Dec 2017 2:44 AM GMT
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार जबसे बनी है विपक्ष के प्रति उसका व्यवहार सौतेलेपन का रहा है। अब अपनी मनमर्जी और तानाशाही चलाने तथा विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए राज्य सरकार यूपीकोका बिल लाई है। भाजपा का यह आचरण अलोकतांत्रिक है।उन्होंने कहा कि यूपीकोका बिल कहने को तो अपराध नियंत्रण के लिए लाया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे भाजपा सरकार का उद्देश्य राजनीतिक स्वार्थ साधना है। लोकसभा चुनाव सिर पर है। गुजरात में भाजपा को विपक्ष ने नाको चने चबवा दिए है। अब भाजपा को उत्तर प्रदेश में भी अंगूर खट्टे लगने लगे हैं। इसलिए जनता के खिलाफ, उसको परेशान करने के लिए यूपीकोका थोपने पर आमादा है। यूपीकोका की पृष्ठभूमि में संघ की फासीवादी मानसिकता है।अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री के कोरे दावों से प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। पहले से जो कानून बने हैं उनका इस्तेमाल करके अपराध रोकना चाहिए। भाजपा के गमछाधारी ही सबसे ज्यादा कानून तोड़ रहे हैं। गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धार्मिक आजादी पर भी पहरेदारी करने वाले पैदा हो रहे है।यूपीकोका बिल जनता के लिए भी अभिशाप साबित होगा। अपराधियों के मददगार और संरक्षणदाता की भूमिका में भाजपा के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं। बेखौफ अपराधी पुलिस पर हमला कर रहे हैं। रोजाना हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री प्रशासनिक व्यवस्था ठीक करने के बजाय विपक्ष पर ही दोष मढ़ते घूम रहे हैं। जनता अब गुजरात से भी बढ़कर पूरा जवाब यूपी में देने को बेचैन है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में पेश किए गए यूपीकोका विधेयक पर ट्वीट करके भी कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा-'नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!' उनके इस ट्वीट को यूपीकोका पर सपा के रुख के रूप में देखा जा रहा है।
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