येरूशलम मुद्दे पर भड़के मौलाना, कहा- फलस्तीन के मजलूमों का साथ दे सरकार

येरुशलम को इस्राइल की राजधानी बनाने के अमेरिकी फैसले के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने आसिफी मस्जिद से प्रदर्शन शुरू किया और बड़े इमामबाड़े के गेट तक आए, लेकिन पुलिस ने उनको वहीं रोक दिया। इससे नाराज प्रदर्शनकारियों ने वहीं अमेरिका व इस्राइल का राष्ट्रीय ध्वज जलाया और विरोध में नारे भी लगाए। मजलिस उलमा हिंद के प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि येरुशलम को इस्राइल की राजधानी स्वीकार करने का अमेरिकी निर्णय गैरकानूनी है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने यूनेस्को बैठक में येरुशलम और दीवार ए बुराक पर मुसलमानों का अधिकार स्वीकार किया है।
इसलिए यूएन को अब अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि हिंदू एक उदारवादी कौम है, इसलिए वर्तमान सरकार को इस्राइल के अत्याचार के खिलाफ फलस्तीन के मजलूमों का समर्थन करना चाहिए। जबकि, मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि इस्राइल के अत्याचार का विरोध करना हर इंसान के लिए जरूरी है। इस दौरान मौलाना अली अब्बास खान ने भी विचार व्यक्त किए। जबकि, मजलिस उलमा हिंद ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को ज्ञापन भी भेजा।
वहीं, ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन ने भी शुक्रवार को इसी मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया। मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने कहा कि यह गलत फैसला है।




