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प्रदेश सरकार ने सहकारी समितियों में प्रजातांत्रिक व्यवस्था का गला घोटा : शिवपाल
BY Anonymous7 Dec 2017 10:12 AM GMT

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Anonymous7 Dec 2017 10:12 AM GMT
लखनऊ : राज्य सरकार द्वारा नियमों में परिवर्तन करके निर्वाचित प्रबंध कमेटी के स्थान पर अंतरिम प्रबंध कमेटी का प्राविधान करने संबंधी अध्यादेश पर सहकारी क्षेत्र में तीखी प्रतिक्रिया हुई है यह अध्यादेश शासन द्वारा सहकारी समितियों के प्रजातांत्रिक स्वरूप को समाप्त करने के रूप में सीधा हस्तक्षेप है.
सहकारी निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने के उपरांत सहकारी समितियों के आधारभूत सिद्धांत में परिवर्तन करना सरकार की व्यवस्था एवं हताशा को दर्शाता है तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार के तिरस्कार पूर्ण आचरण को प्रदर्शित करता है.
सहकारी निर्वाचन आयोग एवं राज्य सरकार ने समय से सहकारी समितियों के निर्वाचन कराने की विफलता को छुपाने के लिए अध्यादेश के माध्यम से जनता की आवाज को दबाने व कुचलने की कुत्सित प्रयास किया निकट भविष्य में विधानमंडल का सत्र आहूत किया जा चुका है ऐसी दशा में अध्यादेश के माध्यम से नियमों में परिवर्तन राज्य सरकार द्वारा संविधान एवं विधान मंडल की उपेक्षा दर्शाता है सरकार द्वारा जल्दबाजी में जारी अध्यादेश नियम विरुद्ध एवं औचित्य हीन है.
रिपोर्ट वारिस जनता की आवाज से
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