Home > राज्य > उत्तर प्रदेश > वोटिंग के एक दिन बाद बिजली के दाम बढ़ाना भाजपा की सियासी बेईमानी: अखिलेश
वोटिंग के एक दिन बाद बिजली के दाम बढ़ाना भाजपा की सियासी बेईमानी: अखिलेश
BY Anonymous4 Dec 2017 7:54 AM GMT

X
Anonymous4 Dec 2017 7:54 AM GMT
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनावों के मतदान के ठीक अगले दिन बिजली दरों में वृद्धि प्रदेश की भाजपा सरकार की राजनीतिक बेईमानी और अनैतिक आचरण को दर्शाता है।
किसानों, खास तौर से ग्रामीण क्षेत्रों की दरों मे बेतहाशा वृद्धि भाजपा की किसानों के प्रति सोच को दिखाता है। उन्होंने इस जनविरोधी वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
अखिलेश ने कहा, सपा सरकार के समय बिजली उत्पादन का बुनियादी ढांचा विकसित कर 8500 मेगावाट से 16500 मेगावाट उत्पादन की व्यवस्था की गई थी। उसे भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है।
ग्रामीण अनमीटर्ड बिजली उपभोक्ताओं की जो बिजली दरें तय हुई हैं, उन्हें देखा जाए तो स्पष्ट है कि गांव की जनता को ठगा गया है। ग्रामीण मीटर्ड उपभोक्ता पहले 50 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज व 2.20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाते थे जबकि अब उन्हें 80 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज और 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करना पडे़गा।
भाजपा का चरित्र हमेशा से ही रहा है दोहरा
सपा अध्यक्ष ने कहा, भाजपा का हमेशा से दोहरा चरित्र रहा है। निकाय चुनाव में बिजली-पानी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा ने मतदान के तत्काल बाद वादाखिलाफी करके जनता को धोखा दिया है।
भाजपा जानती है कि किसान उनके बहकावे में कभी नहीं आ सकते हैं, इसलिए किसानों को दंडित किया जा रहा है। सपा किसानों पर भाजपा सरकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।
Next Story




