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उत्तर प्रदेश

ईवीएम पर अखिलेश और शिवपाल आमने-सामने

ईवीएम पर अखिलेश और शिवपाल आमने-सामने
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भाजपा ईवीएम से जीती और बैलेट से हारी: अखिलेश
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईवीएम पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि निकाय चुनाव में ईवीएम से हुई वोटिंग में भाजपा ने निगम की 16 में से 14 सीटें जीती, लेकिन बैलेट से हुई वोटिंग में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। बैलेट से वोटिंग में सबसे अधिक निर्दलीय, दूसरे नंबर पर भाजपा, तीसरे पर सपा और चौथे पर बसपा रही है। उन्होंने भाजपा और ईवीएम का गहरा रिश्ता बताया।
रविवार को वह शहर में एक निजी कार्यक्रम में आए हुए थे। पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि ईवीएम नफरत फैलाने का काम करती है। मतगणना में ईवीएम से किस बूथ पर कितना वोट किसे मिला, इसकी जानकारी हो जाती है, जबकि बैलेट की मतगणना में किसको किस बूथ पर कितना वोट मिला, इसकी जानकारी नहीं हो पाती।
उन्होंने कहा कि खराब ईवीएम ठीक हो सकती है तो ईवीएम खराब भी की जा सकती है। दुनिया के लोकतंत्र में बैलेट से मतदान होता है, जो सबसे बेहतर तरीका है। उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में जो माहौल था, निकाय चुनाव में माहौल इसके ठीक विपरीत देखने को मिला। चुनाव परिणाम भी भाजपा के पक्ष में नहीं है। नगर निगम के परिणाम का प्रदर्शन कर भाजपा जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, जबकि नगर पालिका एवं नगर पंचायत में सबसे अधिक निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं।
ईवोम से छेड़छाड़ के कोई सुबूत नहीं: शिवपाल
करहल (मैनपुरी)। कस्बा स्थित निजी समारोह में रविवार की देर शाम पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल ने ईवीएम से छेड़छाड़ को खारिज किया। उन्होंने सपा की करारी हार पर पार्टी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि जिन लोगों ने प्रत्याशी उतारे उन्हें हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अखिलेश के नेतृत्व में विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी मिली हार के सवाल को उन्होंने टाल दिया और कहा कि इस सवाल का जवाब अखिलेश से ही पूछा जाए।
शिवपाल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इवोम से छेड़छाड़ हुई। इवोम से छेड़छाड़ के कोई सुबूत नहीं है। सुबूत हों तो ही इस संबंध में बात की जा सकती है। उन्होंने जोड़ा कि विधानसभा चुनाव उन्होंने भी लड़ा लेकिन वे तो जीते हैं। उनके सारे समर्थक भी निकाय चुनाव में जीते हैं। बिना सुबूत के इवोम में छेड़छाड़ की बात वे नहीं कह सकते। शिवपाल ने ये भी कहा कि निकाय चुनाव में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। अगर उन्हें जिम्मेदारी दी गई होती तो जीत होती।
उन्होंने जोड़ा कि जिन प्रत्याशियों को उन्होंने अपना समर्थन दिया वे सभी जीते हैं। लेकिन सपा के जो प्रत्याशी उतारे गए वे हारे तो इसका जवाब वो लोग दें जिन लोगों ने इन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। शिवपाल ने कहा 2019 के लोकसभा चुनाव अभी दूर हैं। निकाय चुनाव सेमीफाइनल नहीं हैं। उन्होंने मैनपुरी में सपा की करारी हार पर बिना नाम लिए बड़े नेताओं को आड़े हाथों लिया और कहा कि अब ये लोग बताएं कि चुनाव में कैसे प्रत्याशी उतारे गए जो हार गए।
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