पिछले तीन साल में यूपी में रेल हादसे का दौर बदस्तूर जारी है
BY Anonymous24 Nov 2017 4:12 AM GMT

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Anonymous24 Nov 2017 4:12 AM GMT
शुक्रवार सुबह तड़के करीब 4.22 मिनट पर 12471 वास्कोडिगामा एक्सप्रेस चित्रकूट जिले के मानिकपुर के पास बेपटरी हो गई. इस हादसे में ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है.
यूपी में इससे पहले भी हो चुके हैं हादसे
23 अगस्त 2017 को कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में एक और रेल दुर्घटना हुई थी. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. मानव रहित फाटक पर देर रात ट्रेन एक डंपर से टकरा गई. इस हादसे में ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. घटना में 21 लोग घायल हुए.
इससे पहले 19 अगस्त 2017 को मुजफ्फरनगर के खतौली में 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के हादसे में 23 लोगों की जान चली गई, जबकि 150 से ज्यादा जख्मी हुए. दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़े थे.
इससे पहले यूपी के महोबा में 30 मार्च 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी थी. हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
15 अप्रैल 2017 को मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे रामपुर के पास पटरी से उतरे. करीब 10 लोग घायल हुए थे.
इससे पहले 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे साजिश की जांच भी जारी है.
28 दिसबंर 2016 को कानपुर के रूरा रेलवे स्टेशन के पास सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. हादसे में सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे.
20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्सप्रेस (14266) के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग जख्मी हुए थे.
26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी. इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे.
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