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उत्तर प्रदेश

श्रीश्री के आशीर्वाद के लिए गार्डों के आगे हाथ जोड़ती रही किन्नर गुलशन, फिर भी नहीं दिया मिलने

श्रीश्री के आशीर्वाद के लिए गार्डों के आगे हाथ जोड़ती रही किन्नर गुलशन, फिर भी नहीं दिया मिलने
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लखनऊ. अयोध्या मुद्दे को सुलझाने के लिए श्रीश्री रविशंकर गुरुवार को अयोध्या पहुंचे हैं। श्रीश्री से मुलाकात करने के लिए सपा की मेयर उम्मीदवार गुलशन बिंदु उनसे मुलाकात करने के लिए तोताद्रि मठ मंदिर पहुंची। यहां वो सुरक्षा गार्ड के सामने हाथ जोड़ती रही, लेकिन सुरक्षागार्डों ने श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात करने नहीं दिया इस दौरान उन्होंने कहा- "अयोध्या-फैजाबाद का विकास तभी हो सकता है, जब गुलशन बिंदु आएगी।" आशीर्वाद लेने आई हूं...
गुलशन बिंदु ने कहा- "मुझे कुर्सी नहीं चाहिए। कुर्सी तो नेताओं को चाहिए मैं तो श्रीश्री से मिलने आई हूं। उन्होंने कहा- प्रभु जो आशीर्वाद देना है आप दे दो। लोगों से अपील करते हुए गुलशन ने कहा- मैं लोगों से अपील करती हूं की अयोध्या के विकास के लिए मेरा यहां आना जरुरी है। उन्होंने कहा-"जिस तरह महाभारत काल में शिखड़ी आई थी उसी तरह मैं आई हूं।"
कौन हैं गुलशन बिंदु
इस बार राम की इस नगरी में सपा ने अपना मेयर कैंडिडेट एक किन्नर गुलशन बिंदु को बनाया है। बता दें, पहली बार नगर निगम मेयर का चुनाव अयोध्या-फैजाबाद में हो रहा है। ऐसे हर दल अपना मेयर बनाने के लिए हर तरीका अपनाने को तैयार हैं।
गुलशन बिंदु ने बताया, वह मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले की रहने वाली हैं। उनका जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था। परिवार वाले उनको लेकर दिल्ली चले आए।कुछ दिनों तक मां-बाप ने इस बात को छुपाए रखा कि वो किन्नर हैं, लेकिन धीरे-धीरे पता लग ही गया। फिर चार साल की उम्र में ही किन्नर समुदाय के लोगों ने उन्हें गोद ले लिया। इसके बाद वह 30 साल दिल्ली में ही रहीं। उसके बाद फरीदाबाद में, फिर रामजन्म भूमि अयोध्या पहुंचीं।
किन्नर समुदाय में है ट्रांसफर की नीति
गुलशन ने कहा, ''मेरे गुरु ने मुझे फैजाबाद आने के लिए कहा तो मैंने हंसते हुए फोन पर कहा कि हम सीतामढ़ी के हैं। जहां सीता का जन्म हुआ और अयोध्या सीता का ससुराल है मतलब मैं अपने जीजा के यहां हूं।
मेरा परिवार तो अयोध्यावासी हैं
गुलशन ने बताया, ''कुछ ही दिनों पहले ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद अब चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। मेरा परिवार तो अयोध्यावासी ही हैं।''
मेरा न तो कोई दूसरा परिवार है और न ही सात पीढ़ियों के लिए धन इकट्ठा करना है। जनता अगर साथ देती है तो मैं दिखा दूंगी कि विकास क्या होता है।''
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