लोक तंन्त्र पर भारी पड़ी जौनपुर जिला प्रशासन व पुलिसिया कार्यवाही
BY Anonymous14 Nov 2017 6:35 AM GMT

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Anonymous14 Nov 2017 6:35 AM GMT
क्या लोक तंन्त्र में जनप्रतिनिधि अन्याय पर आवाज उठाना गलत ?
-जनसूत्रो के मुताबिक सिर्फ एक पक्षीय कार्यवाही आखिर क्यो ?
जौनपुर (खुटहन )मामला!-कहते हैं दूध की जली बिल्ली मट्ठा भी फूंक-फूंककर पीती है। परन्तु जिलाधिकारी सर्वज्ञ मिश्रा तो खौलते दूध को बिना ठण्डा किये ही पी गए। 06.11.2017 को क्षेत्र पंचायत खुटहन के प्रमुख के खिलाफ ने अविश्वास प्रस्ताव का समय जिलाधिकारी द्वारा 11ः00 बजे तय था किन्तु 11ः30 बजे तक जब कोरम नहीं पूरा हुआ तो सांसद हरिवंश सिंह व उनके समर्थकों ने अंधाधुंध फायरिंग व अफरातफरी का माहौल बनाकर उसे पारित करवा लिया था। इस मामले में पुलिस व प्रशासन का रवैया पूरी तरह भाजपा पक्षपाती चल रहा है।
और आज की स्थित यह है। कि पूरा खुटहन विकासखड़ भयमय हो गया है। उसमें गिने-चुने लोगों को छोड़कर ज्यादातर लोगों को सूचनाएं ही नही दी गयीं और रातों रात पुलिस अपनी दादागिरी दीखाते हुये उठा ली। शायद जिलाधिकारी को ऐसा लग रहा होगा कि शेरशाह हो गया हूँqआम आदमी की सलाह की क्या जरूरत ?
कुल मिलाकर भाजपा सरकार के दुत् बने डीएम ने ना ही निष्पक्ष दृष्टि कोण से घटना का आकंलन किया। केवल ईर्ष्या बस जेल भेजने की प्रण कर ली हो। और सांसद व सत्ता के खासमखास बन गये ..ज़ी हुजूर.. ज़ी हुजूर... मे लग गये।
बेगुनाह निर्दोषों व राहगीरो किसानों मजदूरों को सलाखों के पीछे डाल दिए गये है। मामलें के दौरान हुई घटना ने जहां एक ओर जिला धिकारी को अनुभवहीन साबित किया वहीं पाबन्द करने में पुलिसकर्मियों द्वारा राजनीतिक दबाव एंव ठीक से जाँच -पड़ताल नही किया गया बल्कि जल्दबाजी व दबाव में आकर पाबन्द करने वालों की सूची भेजकर खानापूर्ति की गयी।
खुद को ज्यादा ताकतवर आकना और सही तरीके से सूत्रो द्वारा दी गयी जानकारी पर समय रहते काय्रवाही न होने के कारण भी अराजक तत्व इस घटना को अंजाम देने में सफल रहे। प्रशासन ने इस मामले में सिर्फ एक तरफा कार्यवाही करते हुए सपा के विधायक शैलेन्द्र यादव ललई के समर्थक को सत्ता से गुडवर्क करने की चाहत में आनन फानन में निर्दोष लोगो को गिरफ्तार किया गया।
-जिलाप्रशासन व पुलिस ने सिर्फ एक पक्षीय कार्यवाही कीबवाल के दौरान जिलाप्रशासन और पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही को अंजाम दिया। जन सूत्रो के अनुसार प्रशासन व पुलिस ने सिर्फ एक ही जाति विशेष के लोगो को गिरफ्तार किया। अब ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या बवाल में एक ही जाति के लोग शामिल थे ? दूसरे पक्ष के लोग क्या पाक साफ थे,यदि पाक साफ थे तो ऐसे में यह भी प्रश्न उठता है कि आखिर यह घटना घटी क्यो ? कही ऐसा तो नही जिलाप्रशासन व पुलिस ने ही मिलकर इस घटना को अंजाम दिया ?
जब अविश्वास प्रस्ताव होना था तब प्रशासन ने सम्पूर्ण कार्यवाही वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जब कि बूथ स्तर के मतदान की रिकॉर्डिंग करवाई जाती है,प्रशासन की मिलीभगत सब हुआ। जब कि मीडिया इस पर पहले से लिख रहा था कि वहाँ का मामला संगीन है।
भाजपा समर्थित सांसद हरबंस सिंह समेत पाँच लोगो पर दर्ज मुकदमे पर अब तक क्या कारवाही हुयी क्यो उनके घर छापे मारी नही हुयी आखिर क्यो ? ..
जब की कम धारा लगी थी ललई यादव पर फिर भी वारंट जारी हो गया ..कई बार छापे मारी की गयी किसके इशारे पर ..
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