मुलायम की साली को टिकट देने से अखिलेश का इनकार
BY Anonymous4 Nov 2017 3:58 PM GMT

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Anonymous4 Nov 2017 3:58 PM GMT
समाजवादी कुनबे में रिश्तों पर जमीं बर्फ अभी पिघली नहीं है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नगर निकाय चुनाव में भी दिख रहा है। टिकट वितरण में एक बार फिर अखिलेश यादव ने रिश्तेदारों को झटका दिया है।
औरैया। समाजवादी कुनबे में रिश्तों पर जमीं बर्फ का प्रत्यक्ष प्रमाण नगर निकाय चुनाव में भी दिख रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिधूना नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर मुलायम सिंह यादव की साली कल्पना गुप्ता को टिकट नहीं दिया है। टिकट कटने से बागी हुईं कल्पना अब निर्दलीय लड़ेंगी। इससे पहले विधानसभा चुनाव में कल्पना के पति प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस को भी टिकट नहीं मिला था, जबकि वह सीटिंग विधायक थे।
सपा के दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव से आशीर्वाद लिया। मुलायम खुद चलकर पार्टी के महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के घर गए थे। इस पूरी कवायद के जरिए जनता के बीच पारिवारिक एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की गई, लेकिन नगर निकाय चुनाव के टिकट वितरण में एक बार फिर अखिलेश यादव ने रिश्तेदारों को झटका दिया है। विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस का टिकट कट गया था। इस पर मुलायम के परिवार में काफी घमासान भी हुआ था।
अब नगर निकाय चुनाव में बिधूना नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रमोद की पत्नी कल्पना गुप्ता ने सपा से टिकट मांगा। कल्पना के यहां आयोजित रामलीला में आए सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया था। ऐसे में कल्पना का टिकट पक्का माना जा रहा था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिला कमेटी ने मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास भेज दिया। शुक्रवार रात जारी सूची में कल्पना गुप्ता के बजाय पार्टी कार्यकर्ता अमित कुमार बाथम को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
अमित के उम्मीदवार घोषित होते ही कल्पना ने बगावत कर दी। उन्होंने बताया कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी। शनिवार को उन्होंने नामांकन पत्र भी खरीद लिया। प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस ने कहा कि उनकी पत्नी कल्पना गुप्ता को नेताजी मुलायम सिंह का आशीर्वाद है। पार्टी के पुराने कार्यकर्ता उनके साथ हैं और वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले 2007 में प्रमोद गुप्ता निर्दल चुनाव लड़कर बिधूना नगर पंचायत अध्यक्ष बने थे। 2012 में उनकी पत्नी कल्पना ने सपा समर्थित प्रत्याशी की हैसियत से बिधूना नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, पर वे हार गईं थीं।
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