डोकलाम और अब ब्रिक्स, चीन के खिलाफ 8 दिन में भारत को दूसरी कामयाबी
BY Suryakant Pathak4 Sep 2017 8:24 AM GMT

X
Suryakant Pathak4 Sep 2017 8:24 AM GMT
चीन के श्यामेन शहर में ब्रिक्स सम्मेलन के पहले दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली. पिछले आठ दिन में चीन को लेकर भारत के लिए यह दूसरी बड़ी कामयाबी है. ब्रिक्स देशों (ब्राजील,रूस,भारत,चीन और दक्षिण अफ्रीका) के संयुक्त बयान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जिक्र किया गया. इसमें तालिबान, अल कायदा और इसे जुड़े आतंकी संगठनों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद और हिंसा पर चिंता जाहिर की. ब्रिक्स देशों ने ग्लोबल टेररिज्म पर चिंता जाहिर करते हुए इससे लड़ने की बात की गई है.
इसमें लिखा है, 'हम विश्वभर में हो रही आतंकी घटनाओं की, चाहे वह कोई भी कर रहा हो, निंदा करते हैं.' समिट के घोषणापत्र में जैश ए मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आतंकी संगठन का इस तरह से नाम लिया गया है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं से कहा था, 'हमने देखा है कि जब पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कदम की बात आती है तो भारत की कुछ चिंताएं होती हैं. मुझे नहीं लगता कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा के लिए यह उचित विषय है.' लेकिन ब्रिक्स देशों ने मिलकर पाकिस्तानी धरती से चल रहे आतंकी संगठनों का जिक्र किया. भारत के लिए यह बड़ी कामयाबी है.
इससे पहले 28 अगस्त को भारत और चीन के बीच डोकलाम मसला भी सुलझ गया था. चीन को यहां से पीछे हटना पड़ा था. लगभग दो महीने तक इस मसले को लेकर दोनों देशों के बीच काफी तनाव हो गया था. चीन की ओर से कई भड़काऊ और बड़बोले बयान दिए गए थे.
वहीं भारत का रूख परिपक्वता भरा था. इसका फायदा भी हुआ और दोनों देशों ने डोकलाम से सेना हटा ली थी. डोकलाम को चीन अपना हिस्सा बताता रहा है. लेकिन भारत और भूटान ने इसका खंडन करते हुए ऐतराज जताया था.
भारत ने डोकलाम को लेकर अंतराष्ट्रीय समुदाय को भी अपने पाले में कर लिया था. अमेरिका ने भी भारत के संयमित और मजबूत रूख की तारीफ की थी. चीन ने डोकलाम को अपना हिस्सा बताते हुए सैनिकों को तैनात कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी अपने जवानों को मोर्चे पर खड़ा कर दिया था. कई दौर की मीटिंग और बातचीत के बाद भारत ने कूटनीतिक मसले पर चीन को पीछे हटने को मजबूर किया था.
Next Story




