गोरखपुर जेल में तिहाड़ में साथ रहे कैदी ने किया डॉ. कफील का स्वागत
BY Suryakant Pathak4 Sep 2017 7:35 AM GMT

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Suryakant Pathak4 Sep 2017 7:35 AM GMT
गोरखपुर - बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत के मामले में हीरो से विलेन बने डॉ. कफील खान का इतिहास बेहद खतरनाक रहा है। एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार कफील का जेल में शानदार स्वागत हुआ। दिल्ली के तिहाड़ जेल में कफील के साथ बंद रहे एक कैदी ने गोरखपुर जिला जेल में कफील का कल स्वागत किया।
डॉ. कफील को देखने के बाद वह कैदी बोला कि आओ मियां तुम्हारी ही कमी थी। डॉ. कफील खान को 14 दिन की ज्युडिशियल रिमांड पर गोरखपुर जेल भेज दिया। कल जब डॉक्टर कफील नेहरू बैरक से बाहर आए तो उन पर एक कैदी की नजर पड़ी। उसने बोला कि आओ मियां तुम्हारी ही कमी थी। दरअसल यह वहीं कैदी है जिसके डॉ. कफील खान दिल्ली की तिहाड़ जेल में कभी तीन महीना गुजार चुके हैं।
डॉ. कफील दूसरी बार किसी जेल गए हैं। पहली बार तिहाड़ जेल में थे। डॉ कफील खान गिरफ्तारी और पूछताछ के दौरान पुलिस अधिकरियों के समक्ष बार-बार यही निवेदन कर रहा था कि उसे जल्दी जेल भेज दिया जाए। कफील ने तिहाड़ जेल के अपने उस साथी कैदी के साथ बातचीत की और उसका हाल भी लिया।
कैसे क्या हुआ के सवाल पर डॉ. कफील ने उससे कहा कि सब अल्लाह की मर्जी। इसके बाद वो कैदी अपने दैनिक श्रम पर चला गया और डॉक्टर वहीं टहलकर अन्य कुछ कैदियों से बातचीत करते रहे।
विवादों से है कफील का पुराना नाता
बीआरडी मेडिकल कॉलेज कांड के मुख्य आरोपियों में शामिल डॉ कफील खान का विवादों से पुराना नाता है। वह तीन महीने तिहाड़ जेल में सजा काट चुके हैं।
2013 में डॉ कफील करीबी मित्र की जगह मेडिकल प्रैक्टिस की परीक्षा देते बतौर मुन्ना भाई पकड़े गए थे। इस मामले में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। उन्हें तीन महीना दिल्ली की तिहाड़ जेल में काटना पड़ा था।
रात भर जागते रहे डॉ. राजीव
माना जा रहा है कि साथी मिलने के बाद से डॉ. कफील को जेल आने का कोई गम नहीं है। वह पूरी तरह से निश्चिंत हैं। उसने कल रात पूड़ी-सब्जी और खीर खाई। रात में उसने गहरी नींद भी ली।
डॉ राजीव मिश्रा रात में कई बार नींद से जग जा रहे थे और पानी पीने के बाद टहलने लग रहे थे। दरअसल ये लाजमी भी है। डॉ राजीव का पहले कोई आपराधिक इतिहास रहा नहीं है और न ही उन्हें कभी इसके पहले थाने तक जाना पड़ा था।
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