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BRICS: भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, चीन के विरोध के बाद भी घोषणापत्र में शामिल हुआ आतंकवाद का मुद्दा
BY Suryakant Pathak4 Sep 2017 6:49 AM GMT

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Suryakant Pathak4 Sep 2017 6:49 AM GMT
डोकलाम विवाद के बाद ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी के पहुंचने पर शी जिनपिंग ने जहां मिलजुल कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात की तो वहीं पीएम मोदी ने भी सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर भारत का रुख साफ कर दिया, पीएम ने साफ कहा कि आतंकवाद पर सभी को मिलकर काम करना होगा यह किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का अंदाजा इसी से लग सकता है कि ब्रिक्स के घोषणापत्र में आतंकवादी संगठनों के नामों का जिक्र किया गया। जिनमें पाकिस्तान में सक्रिय लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का नाम प्रमुख रहा। इसमें पाक के आतंकी संगठनों की निंदा करते हुए आतंक पर लगाम लगाने की मांग की गई।
घोषणापत्र में निम्न मुद्दे शामिल किए गए-
-तकनीक का इस्तेमाल आतंकवाद से निपटने के लिए किया जाए।
-ब्रिक्स के घोषणापत्र में आतंकवाद का मुद्दा शामिल किया गया।
-घोषणापत्र में पाक के आतंकी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद की निंदा की गई।
-लश्कर और जैश के अलावा तहरीक ए तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों की भी चर्चा की गई।
-मांग की गई कि आतंकवद का साथ देने वाले बेनकाब हों, बाकी देशों को इस मुद्दे पर साथ देने की अपील की गई।
-आतंक की फंडिंग पर भी चोट करने की मांग की गई।
इससे पूर्व मोदी ने सभी देशों को संदेश देते हुए साफ किया कि सुरक्षा का मुद्दा बेहद अहम है और सभी देशों को शांति के लिए सहयोग करना होगा। हमारा देश युवाओं का देश है, हमने काले धन के खिलाफ लड़ाई छेड़ी और वो अभी भी जारी है। पीएम मोदी ने भारत का लक्ष्य विकास को अहमियत देना बताया। उन्होंने ये भी कहा कि स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य, शिक्षा में सुधार पर जोर देना है।
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