यूपी पुलिस के तेवर से अपराधियों में दहशत का माहौल ..

लखनऊ : यूपी पुलिस के नए तेवर से पेशेवर अपराधियों में दहशत पैदा होती दिख रही है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि अचानक यह बदलाव कैसे आ गया? कुछ लोग इसे मुख्यमंत्री की चेतावनियों का असर मान रहे हैं तो कुछ लोग एडीजी कानून-व्यवस्था के पद पर हुए बदलाव को इसका श्रेय दे रहे हैं।
पेशेवर खासकर इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए आमने-सामने के संघर्ष से पीछे न हटने की पुलिस की नई रणनीति इन दिनों खासी चर्चा में है। पिछले कुछ वर्षों से पुलिस ऐसी स्थितियों का सामना करने से बचती रही है। मानवाधिकार आयोग और मीडिया की सक्रियता के कारण अपराधियों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ में पुलिस अक्सर बचाव की मुद्रा में आ जाती रही।
नतीजतन, कई बार तो अपराधियों ने ही पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया। इन स्थितियों में बदलाव की शुरुआत गत जुलाई में आनद कुमार के एडीजी कानून-व्यवस्था का पदभार संभालने के बाद हुई। दो महीने से भी कम समय पुलिस के साथ मुठभेड़ में सात अपराधी मारे गए। मुठभेड़ में इनामी अपराधी को मार गिराने में शुक्रवार को लखनऊ पुलिस का भी नाम जुड़ गया। इससे पहले पुलिस ने शामली में तीन, आजमगढ़ में दो व मुजफ्फरनगर में एक इनामी अपराधी को ढेर किया था। इसके अलावा एटीएस ने कई आतंकियों को गिरफ्तार किया तो एसटीएफ ने फिरौती के लिए अपहरण समेत कई बेहद संगीन मामलों में पुलिस की लाज बचाई।
मौजूदा एडीजी कानून-व्यवस्था के कार्यकाल में अपराधियों के साथ मुठभेड़ की शुरुआत शामली से हुई। शामली के कैराना से ही अपराधियों के भय से पलायन की खबरों ने पिछली सपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। शामली में 50 हजार के इनामी अपराधी और उसके साथी को पुलिस ने मार गिराया था। इसके बाद आजमगढ़ पुलिस ने भी एक कुख्यात इनामी अपराधी को ढेर किया। मुठभेड़ की तीसरी खबर भी शामली से ही आई थी। पुलिस ने रंगदारी के लिए चर्चित कैराना कस्बे में ही एक ईनामी बदमाश से मोर्चा लिया और उसे मार गिराया था।




