यूपी चुनाव से पहले चमकेंगी प्रदेश की 54 हजार किमी ग्रामीण सड़कें
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले 54 हजार किमी लंबी ग्रामीण सड़कों को चमाचम किया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने राज्य सरकार से दो हजार करोड़ रुपये और मांगे हैं।
इससे पहले चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में ही ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने के लिए 1500 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
अभी तक स्टेट हाईवे और बड़ी जिलास्तरीय सड़कों (एमडीआर) पर पीडब्ल्यूडी का ज्यादा जोर रहता था, लेकिन चुनावी वर्ष में राज्य सरकार ने ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत सभी जोन में सर्वे कराया गया।
यहां बता दें कि सूबे में ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क करीब 1.5 लाख किमी लंबा है। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 40 हजार किमी लंबी ग्रामीण सड़कों की हालत खराब है।
25 हजार किमी लंबी सड़कों के भरे जाने हैं गड्ढे
इनमें से 25 हजार किमी लंबी सड़कों के गड्ढे भरे जाने हैं, जबकि 15 हजार किमी लंबी सड़कें नए सिरे से बननी हैं। इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है।
चूंकि, यह योजना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है, इसलिए अनुपूरक बजट में मांगी गई राशि मिलने के पूरे आसार हैं। चालू वित्त वर्ष में इससे पहले ग्रामीण सड़कों के लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी।
इस धनराशि से 14 हजार किमी लंबी सड़कों को सुधारने के लिए वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। इस तरह कुल 54 हजार किमी ग्रामीण सड़कें ठीक हो जाएंगी।
इस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि हमारी सरकार सड़कों पर विशेष ध्यान दे रही है। अधिकतर सड़कें ठीक कर दी गई हैं। जो खराब हैं, उन्हें भी जल्द ही ठीक करने की व्यवस्था की जा रही है।
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