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सीएम अखिलेश ने योगी पर कसा तंज, गोरखपुर एम्स को जमीन हमने दी, क्रेडिट 'बाबा ले रहेःअखिलेश
लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि विकास कार्यों में श्रेय लेने की होड़ में सच से नहीं भागना चाहिए। गुरुवार को यहां एक निजी मेडिकल कालेज में विद्यार्थियों व चिकित्सकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स के लिए जमीन हमने दी और क्रेडिट 'बाबा ले रहे हैं।
मेडिकल छात्रों व चिकित्सकों के बीच अखिलेश ने लखनवी नफासत की चर्चा के साथ अपना दर्द भी बांटा। वे बोले, पिछली सरकार ने एम्स के लिए पांच साल तक जमीन नहीं दी।
हमने रायबरेली में एम्स के लिए मुफ्त जमीन दी, तो वहां शिलान्यास में मुझे ही नहीं बुलाया गया। गोरखपुर में एम्स बनाने के लिए हमने 200 एकड़ जमीन दी, किंतु दूसरे रंग के कपड़े पहनने वाले बाबा को वह रास नहीं आई। वैसे भी वह होशियार पार्टी है। खुद ही अदालत में याचिका (पीआइएल) लगवा दी। अब पहली जमीन पर पीआइएल लगी तो हमने दूसरी जमीन दे दी। अब बाबा उसका क्रेडिट ले रहे हैं। बाबा कह रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री कार्यालय से जमीन का इंतजाम करवाकर आए हैं। वे जिस समय की बात कर रहे हैं, उस समय तो प्रधानमंत्री विदेश में थे। अब बाबा बताएं कि वे प्रधानमंत्री कार्यालय में किससे मिलकर लौट आए थे।
ब्रेक्सिट जैसा हाल यहां भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में ब्रिटेन में जनता ने मतदान कर यूरोपीय यूनियन से अलग होने का फैसला किया था। यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के बाहर आने की यह प्रक्रिया (ब्रेक्सिट) पूरी होने के बाद वहां तो प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ गया और जनता को भी लग रहा है कि गलती हो गयी है। भारत में भी कमोवेश यही हाल है। सबने वोट देकर केंद्र में सरकार तो बनवा दी, अब अच्छे दिन ढूंढ़े जा रहे हैं।
इंजीनियर बढ़ाते इस्टीमेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कालेज बनाना अब आसान काम नहीं रह गया है। सरकारी इंजीनियर तो तेजी से इस्टीमेट बढ़ा देते हैं। शुरू में सौ करोड़ का इस्टीमेट दो साल में तीन सौ करोड़ पहुंच जाता है। हमारे इंजीनियरों ने यह कला सीख ली है। वैसे भी मेडिकल कालेजों में एमसीआइ के बाद अब तो एडमिशन में भी सख्ती हो गयी है। हालांकि प्रदेश सरकार ने चार साल में एमबीबीएस की 700 सीटें बढ़ाकर कीर्तिमान स्थापित किया है।
कम दवा वाला डॉक्टर अच्छा
अखिलेश ने कहा कि डॉक्टर वो अच्छा जो दवा कम दे। ज्यादा दवा देने वाले पर शक होता है कि उसके पास डिग्र्री है भी कि नहीं। कई बार तो लगता है कि डॉक्टर हम पर एक्सपेरीमेंट कर रहा है। कुछ डॉक्टर तो गलत दवा तक दे देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों से क्षेत्रवार आकड़े मंगाए हैं।
अच्छा हुआ दो बार हुई ईद
मुख्यमंत्री देश-दुनिया से आए डॉक्टरों से लखनऊ के आम खाकर जाने को कहा। बोले, यहां एक पेड़ पर सौ तरह के आम लगे मिलेंगे। मेरा नाम का भी आम है और दूसरों के नाम का भी आम है। टेस्ट करके बताना बेहतर कौन है, मेरे नाम वाला या दूसरे के नाम वाला। वैसे लखनऊ तो सबसे अलग है। इस बार दो बार ईद हो गयी। फिर कहा, अच्छा हुआ दो बार ईद हुई, हमें दो बार सिवइयां खाने को मिलीं।
खून बहाना शैतानी काम
कार्यक्रम में मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे सादिक ने कहा कि वे मौलवी नहीं है। मौलवी तो धर्म की बर्बादी कर रहे हैं। हमारे दिल में कुरान पर ईमान और गीता का सम्मान है। जो इंसानों को जिंदा रखे, वह धर्म है। धर्म के नाम पर इंसानों का खून बहाना शैतानी काम है। सुबह से शाम तक मंदिर-मस्जिद में रहने वाले धार्मिक व्यक्ति नहीं, दूसरों के लिए जीने वाले धार्मिक व्यक्ति हैं। यह बात स्वामी विवेकानंद ने भी कही थी और इस्लाम भी कहता है।
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