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मोहन भागवत की क्लास में जुटे देश भर के प्रांत प्रचारक, UP चुनाव रहा मुख्य अजेंडा
कानपुर.2017 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव में भले ही अभी देरी हो, लेकिन इस बार का चुनाव बीजेपी और आरएसएस के लिए आन, बान और शान का चुनाव बन चुका है। ऐसे में चुनाव से पहले आरएसएस के प्रांत प्रचारकों का चिंतन मंथन शिविर कानपुर में एक बार फिर पांच साल बाद सोमवार से होने जा रहा है। यह चिंतन शिविर बिठूर इलाके में महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज में 7 दिनों तक चलेगी। इसमें भाग लेने के लिए सर संघ चालक डॉ. मोहन मधुकर राव भागवत भी कानपुर शनिवार की देर शाम पहुंचे।
- सर संघ चालक मोहन भागवत शनिवार की देर शाम दिल्ली से कानपुर चिंतन शिविर में पहुंचे।
-रविवार को प्रांत प्रचारकों ने सुबह 5 बजे प्रचारकों के साथ योगा भी किया।
- सूत्रों के मुताबिक, चिंतन शिविर में पहले दौर की बैठक सुबह साढ़े 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक चली।
-दूसरी बैठक 2 बजे से शुरू होकर 5 बजे तक चली।
पहला दिन रहा केंद्र के विकास के नाम
- प्रांत प्रचारकों की बैठक में पहला दिन का ज्यादातर समय केंद्र सरकार की कौशल विकास योजना के नाम रहा।
- बेरोजगारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रचारकों को कौशल विकास योजना को घर-घर पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए गए।
- इसके साथ यूपी के हालात पर मंथन किया गया और जरूरी कई दिशा-निर्देश भी दिए गए।
- प्रांत प्रचारकों को यूपी सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाने और मोदी की सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं को हर गली-मोहल्ले और ग्रामीण इलाके में प्रसार करने के निर्देश दिए गए।
- इस चिंतन शिविर में आए एक -क प्रांत प्रचारकों से बात किया गया।
-साथ ही उनके इलाके के सबसे अहम परेशानी को भी जानने की कोशिश की गई।
- सूत्रों के मुताबिक, मोहन भागवत ने प्रांत प्रचारकों से कहा कि जब हम लोकसभा में 72 सीट जीत सकते हैं तो विधानसभा में हम अकेले दम पर भी तो सरकार बना सकते हैं।
साल2011में हुआ था पिछला चिंतन शिविर
- जानकारी के अनुसार, इसके पहले प्रांत प्रचारकों का चिंतन शिविर कानपुर में साल 2011 में हुआ था।
- उस समय भी यह शिविर साल 2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के पहले हुआ था।
- हालांकि, साल 2012 में यूपी विधानसभा में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी, जबकि सूबे में सपा की सरकार बनी थी।
- सूत्रों के मुताबिक, 2011 में हुए चिंतन शिविर में साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नाम की मोहर लगा दी गई थी।
- ऐसे में इस बार भी यह चिंतन शिविर यूपी विधानसभा के पहले किया जा रहा है।
यूपी के लिए टोटका माना जा रहा है ये चिंतन शिविर
- साल 2011 के जुलाई महीने में कानपुर में हुए प्रांत प्रचारकों के चिंतन शिविर के बाद मोदी सरकार की भारी जीत को अब टोटके के रूप में देखा जा रहा है।
- ऐसा माना जा रहा है कि कानपुर में प्रांत प्रचारकों की बैठक बीजेपी के लिए शुभ है।
- इस चिंतन शिविर में मोदी को भी आना था, लेकिन बाद मे उनका कार्यक्रम बदल गया।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने कानपुर से ही विजय शंखनाद की शुरुआतत की थी।
- इस बार यूपी विधानसभा चुनाव के पहले मोदी कानपुर की धरती से ही रैली को संबोधित करेंगे।
-हालांकि, अभी उसकी तारीख और महीना तय नहीं किया गया है।
परिंदा भी नहीं मार सकता पर
- राष्ट्रीय स्वयं सेवक की प्रांत प्रचारकों की बैठक में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
- यहां और कोई नहीं स्वयं सेवक खुद सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
- जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को भी इस कॉलेज के अंदर जाने पर रोक है।
- गेट से लेकर बैठक स्थल तक चार चरणों में स्वयं सेवक सुरक्षा में लगे हुए हैं।
- जिनके नाम दर्ज हैं वही व्यक्ति या गाड़ी ही अंदर जा सकती है ।
- बताते चलें कि मोहन भागवत को जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है।
-इसके बावजूद स्वयं सेवक अपनी जिम्मेदारी में ही बैठक का संचालन कर रहे हैं।
- इस चिंतन शिविर से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया है।
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