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उत्तर प्रदेश

MP में शिक्षकों के ट्रेनिंग सेंटर में 40 करोड़ का घोटाला

जो वॉश बेसिन बाजार में महज 1442 रुपये में मिलती है उसे13-13 हजार रुपये में खरीदा गया। जो निर्माण हुआ नहीं उसके भी बिल-बाउचर लगाकर पैसे का भुगतान करा लिया गया। जहां जिस मद में मौका मिला वहीं घोटालेबाजों ने हाथ साफ किया। चाहे सामानों की खरीद हो या निर्माण कार्य। एक दो या दस बीस नहीं पूरे 40 करोड़ के घपले को शिक्षकों के इस ट्रेनिंग रिसर्च सेंटर में अंजाम दिया गया। यह घपला हुआ मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के मध्य प्रदेश में भोपाल स्थित  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च(NITTTR) में। अब मुख्य सतर्कता अधिकारी को मिली शिकायत के बाद गंभीरता से जांच में जुटी सीबीआई ने शनिवार को पूरे राज्य में संस्थान से जुड़े अधिकारी और कर्मियों के 21 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।  2009 से 2014 तक संस्थान के निदेशक रहे विजय अग्रवाल की ओर से कराए निर्माण व मरम्मत कार्यों से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।

बिना टेंडर ठेका देकर 900 गुना ज्यादा भुगतान

निदेशक विजय अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में निर्माण और मरम्मत, रखरखाव कार्य के लिए कोई टेंडर नोटिस ही नहीं निकाली। चहेते ठेकेदारों को काम बांट दिया गया। कमीशन के चक्कर में ठेकेदारों को नौ सौ गुनी ज्यादा दर पर भुगतान किया गया। करीब 34 करोड़ रुपये के निर्माण कराने का दावा किया गया मगर जांच मं 28 करोड़ का हिसाब नहीं मिला। छह करोड़ मरम्मत व रखरखाव मद का भी गायब है।

अर्जुन सिंह का करीबी है घोटालेबाज

एनआईटीटीटीआर के 2009 से 2014 तक निदेशक रहे विजय अग्रवाल कांग्रेस नेता व पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह के नजदीकी बताए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक अर्जुन सिंह के कार्यकाल मे ही अर्जन ने जोड़-जुगाड़ के दम पर रीवा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से प्रतिनियुक्ति पर एनआइटीटीटीआर का डायरेक्टर पद हथिया लिया। उनके कार्यकाल में करीब 50 करोड़ रुपये का बजट केंद्र सरकार ने नए निर्माण, मरम्मत मद में भेजे थे।
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