घूमती उडऩतश्तरी की जांच के बाद उजागर हुआ रहस्य
एटा : जिस उडऩ तश्तरी को लेकर लोग बेचैन थे, उसका सच सामने आ गया। गांव नगरिया में रिश्तेदारी में आये गोरखपुर के युवक शानू नाम ने उडऩ तश्तरी का फेक फोटो वायरल किया था। इस खुराफाती ने 2014 में गोरखपुर में वायरल फोटो को बुधवार को फिर से वायरल कर सोरों से जोड़ दिया। प्रशासन ने जांच के बाद इसे फेक बताया है।
कासगंज के नगरिया में उडऩ तश्तरी दिखाई देने की बात को पुलिस प्रशासन ने प्रथम दृष्टया फर्जी बताया है। मानपुर नगरिया में बुधवार को सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुआ, जिसमें आसमान में उडऩ तश्तरी को दर्शाया गया था। इसी बीच सोरों में आकाशीय बिजली गिरी, तो लोगों ने उडऩतश्तरी का ही प्रभाव बताया। मामला सोशल मीडिया में आने पर प्रशासन गंभीर हुआ। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने जांच शुरू कराई। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार भी जांच में जुट गए। ये सभी फोटो प्रशासन ने जांच के लिए आगरा की साइबर सेल को भेजे। जांच में प्रथम दृष्टया इस फोटो को फर्जी बताया गया है।
फर्जी फोटो वायरल: डीएम
डीएम ने बताया कि 2014 में गोरखपुर में उडऩ तश्तरी का फोटो वायरल हुआ था। गोरखपुर का ही युवक मानपुर नगरिया आया था, उसी ने यह फर्जी फोटो वायरल किया है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार ने युवक का नाम शानू बताया। आरोपी शानू से जब संपर्क किया गया, तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। अधिकारियों ने उसके नंबर पर बात करने की कोशिश की, मगर जब बात नहीं हुई, तो गोरखपुर पुलिस से संपर्क कर मामले की छानबीन कराई गई और सच सामने आ गया। शानू की रिश्तेदारी सोरों में अनूप पांडेय के यहां है। फोटो वायरल करने के बाद वह वापस गोरखपुर चला गया। अनूप का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं। सनसनी फैलाने वाली इस खुराफात से प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। सर्च इंजन गूगल पर उडऩ तश्तरियों के तमाम फोटो पड़े हैं। गोरखपुर में 2014 में जो फोटो वायरल हुआ, वह भी गूगल पर है।
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