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यूपी में जिम्मेदारी लेने से बच सकती हैं प्रियंका, चुनाव में स्टार प्रचारक की होगी भूमिका
लखनऊ.प्रदेश में 1989 के बाद लगातार सत्ता से दूर रही यूपी कांग्रेस को सत्ता के केंद्र में लाने के लिए कोशिश कर रहे प्रशांत किशोर की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। यूपी चुनाव की कमान प्रियंका गांधी को दिए जाने को लेकर आ रही खबरों को पार्टी ने अभी विराम दे दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी भूमिका महज कैंपेन मैनेजर के तौर पर होगी। फिलहाल, अभी इस तस्वीर को साफ होने में एक से दो सप्ताह का समय लगा सकता है।
कठिन दौर से गुजर रही है यूपी कांग्रेस...
- अभी हाल में 4 राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए नतीजे बेहद खराब रहे हैं।
- केवल पुड्डुचेरी को छोड़ असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पार्टी के खाते में सिर्फ हार दर्ज हुई है।
- इन चुनावों के पीछे कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण आगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड ने बीजेपी को संजीवनी दी है।
- जबकि, इन राज्यों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर कैंपेन भी कर चुके थे, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस कोई कमॉल नहीं कर सकी।
- वहीं, अगले साल यूपी से लेकर हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
- 2014 में 11 राज्यों में राज्य करने वाली कांग्रेस पार्टी के पास अब केवल सात राज्य ही हैं, जहां सरकार है।
- देश की राजनीति को दिशा में देने वाले यूपी में कांग्रेस को बड़े भूमिका की तलाश है।
- लेकिन, कांग्रेसी नेता इसको लेकर मुख्य धारा में प्रियंका को लाना नहीं चाह रहे हैं।
- केवल पुड्डुचेरी को छोड़ असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पार्टी के खाते में सिर्फ हार दर्ज हुई है।
- इन चुनावों के पीछे कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण आगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड ने बीजेपी को संजीवनी दी है।
- जबकि, इन राज्यों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर कैंपेन भी कर चुके थे, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस कोई कमॉल नहीं कर सकी।
- वहीं, अगले साल यूपी से लेकर हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
- 2014 में 11 राज्यों में राज्य करने वाली कांग्रेस पार्टी के पास अब केवल सात राज्य ही हैं, जहां सरकार है।
- देश की राजनीति को दिशा में देने वाले यूपी में कांग्रेस को बड़े भूमिका की तलाश है।
- लेकिन, कांग्रेसी नेता इसको लेकर मुख्य धारा में प्रियंका को लाना नहीं चाह रहे हैं।
प्रियंका को मिली कमान तो बीजेपी फिर छेड़ सकती है दामादश्री का सुर
- यह बात सही है कि प्रियंका गांधी की शक्ल इंदिरा गांधी से मिलती है।
- अभी तक प्रियंका राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए ही कैंपेन करती नजर आती थी।
- लेकिन, जिस तरह से प्रियंका का नाम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, उससे बीजेपी को संजीवनी मिल सकती है।
- कांग्रेस मुक्त भारत अभियान में जुटी बीजेपी प्रियंका गांधी के जरिए दामादश्री जैसे संबोधन से सोनिया गांधी को घेर सकती है।
- पीएम नरेंद्र मोदी अपने रैलियों के दौरान इस नाम से कांग्रेस को घेर चुके हैं।
- अभी तक प्रियंका राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए ही कैंपेन करती नजर आती थी।
- लेकिन, जिस तरह से प्रियंका का नाम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, उससे बीजेपी को संजीवनी मिल सकती है।
- कांग्रेस मुक्त भारत अभियान में जुटी बीजेपी प्रियंका गांधी के जरिए दामादश्री जैसे संबोधन से सोनिया गांधी को घेर सकती है।
- पीएम नरेंद्र मोदी अपने रैलियों के दौरान इस नाम से कांग्रेस को घेर चुके हैं।
प्रियंका बन सकती है कैंपेनर
- प्रियंका गांधी को यूपी में सक्रिय राजनीति में न उतारने के पीछे एक और कारण है कि चुनाव के दौरान प्रियंका फैक्टर कामयाब न हुआ तो अभियान फ्लॉप साबित हो सकता है।
- ऐसे में विकल्प के तौर पर यूपी में प्रियंका की भूमिका स्टारक प्रचारक की हो सकती है।
- इसके पीछे एक कारण यह भी है कि यूपी प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद गुलाम नबी आजाद ने केवल प्रचार करने की बात कही है, न कि कैंपेनर के तौर पर।
- वहीं, इस बारे में यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता संजय वाजपेयी का कहना है कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि यूपी में प्रियंका गांधी हाथ में कमान लें।
- लेकिन, अभी इस बावत प्रियंका गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। फिलहाल, इस पर निर्णय पर आलाकमान ही लेगा।
- ऐसे में विकल्प के तौर पर यूपी में प्रियंका की भूमिका स्टारक प्रचारक की हो सकती है।
- इसके पीछे एक कारण यह भी है कि यूपी प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद गुलाम नबी आजाद ने केवल प्रचार करने की बात कही है, न कि कैंपेनर के तौर पर।
- वहीं, इस बारे में यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता संजय वाजपेयी का कहना है कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि यूपी में प्रियंका गांधी हाथ में कमान लें।
- लेकिन, अभी इस बावत प्रियंका गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। फिलहाल, इस पर निर्णय पर आलाकमान ही लेगा।
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