कृष्णा पटेल ने कहा कि उनकी बेटी का अब अपना दल से कोई वास्ता नहीं
अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल के बीच पार्टी पर मालिकाना हक़ को लेकर जंग तेज हो गई है. अनुप्रिया पटेल के केंद्र में राज्यमंत्री बनने से नाराज अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने एनडीए से गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी है.
पार्टी का जनाधार अनुप्रिया पटेल के साथ जाता देख, कृष्णा पटेल ने गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई है. लालबाग स्थित पार्टी मुख्यालय पर सभी पदाधिकारियों को पहुँचने का निर्देश जारी कर दिया गया है.
अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल ने कहा कि उनकी बेटी का अब अपना दल से कोई वास्ता नहीं है. उन्हें 2015 में ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होजने की वजह से निकाला जा चुका है.
कृष्णा पटेल ने कहा कि अनुप्रिया अब अपना दल की सांसद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अपना दल का अब बीजेपी से कोई वास्ता नहीं है. अब अपना दल एनडीए का घटक नहीं है.
बता दें अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री के रूप में शपथ लिया था. जिसके बाद मां कृष्णा पटेल ने कहा था कि जो बेत अपने मां की नहीं हो सकी वह किसी और की क्या होगी.
गौरतलब है कि अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की सड़क हादसे में मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को संभाला था. लेकीन 2014 लोक सभा चुनाव के दौरान बीजेपी से गठजोड़ को लेकर मां-बेटी में खटास पैदा हो गई थी. जिसके बाद जनवरी 2015 में अनुप्रिया को पार्टी से निकाल दिया गया था.
लेकिन अनुप्रिया और कृष्णा पटेल दोनों ही पार्टी पर अपना-अपना हक़ जताती रहीं हैं. अब्ब केंद्र में मंत्री बनने के बाद मां कृष्णा पटेल को अपना कुर्मी वोट खिसकता नजर आ रहा है. यही वजह है कि उन्होंने पार्टी का एनडीए के साथ हुए गठजोड़ को तोड़ दिया. अब देखना दिलचस्प होगा कि अनुप्रिया पटेल क्या कदम उठाती हैं.
क्योंकि अनुप्रिया के मंत्री बनते ही पटेल विरादरी अपने आप को उन्हीं के साथ खड़ा देखना चाहेगा. ऐसे में अपना दल अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचा पाएगा या नहीं यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह की कूटनीति ने अपना दल खेमे में बेचैनी जरुर उत्पन्न कर दी है.
पार्टी का जनाधार अनुप्रिया पटेल के साथ जाता देख, कृष्णा पटेल ने गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई है. लालबाग स्थित पार्टी मुख्यालय पर सभी पदाधिकारियों को पहुँचने का निर्देश जारी कर दिया गया है.
अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल ने कहा कि उनकी बेटी का अब अपना दल से कोई वास्ता नहीं है. उन्हें 2015 में ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होजने की वजह से निकाला जा चुका है.
कृष्णा पटेल ने कहा कि अनुप्रिया अब अपना दल की सांसद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अपना दल का अब बीजेपी से कोई वास्ता नहीं है. अब अपना दल एनडीए का घटक नहीं है.
बता दें अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री के रूप में शपथ लिया था. जिसके बाद मां कृष्णा पटेल ने कहा था कि जो बेत अपने मां की नहीं हो सकी वह किसी और की क्या होगी.
गौरतलब है कि अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की सड़क हादसे में मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को संभाला था. लेकीन 2014 लोक सभा चुनाव के दौरान बीजेपी से गठजोड़ को लेकर मां-बेटी में खटास पैदा हो गई थी. जिसके बाद जनवरी 2015 में अनुप्रिया को पार्टी से निकाल दिया गया था.
लेकिन अनुप्रिया और कृष्णा पटेल दोनों ही पार्टी पर अपना-अपना हक़ जताती रहीं हैं. अब्ब केंद्र में मंत्री बनने के बाद मां कृष्णा पटेल को अपना कुर्मी वोट खिसकता नजर आ रहा है. यही वजह है कि उन्होंने पार्टी का एनडीए के साथ हुए गठजोड़ को तोड़ दिया. अब देखना दिलचस्प होगा कि अनुप्रिया पटेल क्या कदम उठाती हैं.
क्योंकि अनुप्रिया के मंत्री बनते ही पटेल विरादरी अपने आप को उन्हीं के साथ खड़ा देखना चाहेगा. ऐसे में अपना दल अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचा पाएगा या नहीं यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह की कूटनीति ने अपना दल खेमे में बेचैनी जरुर उत्पन्न कर दी है.
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