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उत्तर प्रदेश

'सुब्रमण्यम स्वामी भाजपा के लिए ऐसा दर्द हैं, जो किसी टेबलेट से दूर नहीं होगा'

अपने तंजो मिजाज के लिए मशहूर सूबे के वजीर आजम खां शनिवार की शाम उत्तर प्रदेश के बदायूं आए थे रोजा इफ्तार में शिरकत करने, लेकिन मीडिया से गुफ्तगू के दौरान इशारों ही इशारों में अपने विरोधियों पर निशाना साधने से नहीं चूके। उन्होंने अपने अंदाज में मोदी से लेकर मौर्य तक पर तंज कसे। मुलायम सिंह के अमर प्रेम पर भी टिप्पणी की।

सदर विधायक आबिद रजा के रोजा इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे नगर विकास मंत्री आजम खां ने शुरुआत मोदी को देश का बादशाह बताते हुए कहा कि झूठे बादशाह की सजा प्रजा को मिल रही है, क्योंकि चुनाव के दौरान 100 दिनों में काला धन लाने, 24 घंटे बिजली सप्लाई देने के साथ प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने के वायदे पूरे नहीं हुए। बादशाह के इस झूठ की वजह से सूखा पड़ रहा है, इसकी सजा जनता को मिल रही है।

सुब्रमण्यम स्वामी के लिए उन्होंने कहा कि वह भाजपा के लिए ऐसा दर्द हैं, जो किसी टेबलेट से दूर नहीं होगा। भाजपा और आरएसएस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सत्ता के लिए किसी हद तक जा सकते हैं। रोजा इफ्तार में जाने ही लगे हैं। अब नारे-तकवीर अल्लाह-हू-अकबर भी करना शुरू कर देंगे। कहा, आरएसएस अकबर की तरह दीन-ए-इलाही धर्म चला सकता है। कश्मीर में सरकार बनाने के लिए आरएसएस धारा 370 को ही भूल गई।




बसपा तो बहुत बदनाम हो चुकी है


सपा में शीर्ष स्तर पर चल रहे विवाद को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कौमी एकता पार्टी से राजनीतिक समीकरण बैठा नहीं, इसलिए विलय नहीं हुआ। नेता जी के रहते हुए पार्टी में न कोई विवाद है और न होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में आजम ने कहा कि वह मौर्य से इसलिए मिले थे, कि वे दोबारा बसपा में वापस न हो जाएं, इसलिए स्वागत किया और कामयाब रहे।

बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए कहा कि वह बसपा को खत्म करके नई पार्टी बनाएंगी, क्योंकि बसपा तो बहुत बदनाम हो चुकी है। वहां पर टिकटों की बिक्री होती है। आजम के तमाम विरोध के बावजूद सपा में अमर सिंह के शामिल होने पर कहा कि वह आ गए हैं, तो पार्टी में अपनी हैसियत को समझेंगे।

ओवैसी के आतंकवादियों के पक्ष लेने संबंधी बयान पर बोले, उनकी ओवैसी से कोई मुलाकात नहीं है। बगैर बातचीत के कैसे बता दें कि वह ऐसा क्यों कह रहे हैं। आजम ने कहा कि लोग उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कहते हैं, यदि वह पाकिस्तान में होते तो 20 साल पहले ही वहां के प्रधानमंत्री बन गए होते।


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