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'सियासी दल नहीं निजी संगठन है बसपा, स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने से हुआ स्पष्ट'
उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से भाजपा सांसद और अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के अध्यक्ष उदित राज ने बहुजन समाज पार्टी पर निशाना साधा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा छोड़ देने के बाद यह बात और स्पष्ट हो गई कि यह सियासी दल न होकर निजी संगठन है। ज्यादातर लोग इससे सामाजिक आधार पर जुड़े हैं जिससे सिद्ध करता है कि बसपा सियासी दल नहीं है।
उदित राज ने कहा कि राजनीतिक दल लोगों का एक समूह है जिसकी एक निश्चित विचारधारा और मांगें होती हैं। बसपा का कोई चुनावी घोषणा पत्र नहीं होता।
केवल चुनाव के समय वोट मांगने का कार्य होता है और उसके बीच कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याओं पर कोई संघर्ष नहीं होता।
उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा कभी सियासी दल नहीं रहा है। विशेष रूप से दलित ही इसके आधार हैं और उन्हें भ्रमित करके रखा जा रहा है कि बसपा उनका राजनीतिक दल है।
उदित राज ने अपने सरकारी आवास पर शनिवार को बसपा प्रमुख पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि मायावती को संगठन चलाने का संवैधानिक अधिकार है लेकिन बसपा को सियासी दल करार देकर लोगों को भ्रमित करना गलत है।
उदित राज ने अपने सरकारी आवास पर शनिवार को बसपा प्रमुख पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि मायावती को संगठन चलाने का संवैधानिक अधिकार है लेकिन बसपा को सियासी दल करार देकर लोगों को भ्रमित करना गलत है।
'बसपा को सियासी दल करार देकर लोगों को भ्रमित करना
स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा छोड़ देने के बाद यह बात और स्पष्ट हो गई कि यह सियासी दल न होकर निजी संगठन है। ज्यादातर लोग इससे सामाजिक आधार पर जुड़े हैं जिससे सिद्ध करता है कि बसपा सियासी दल नहीं है।
उदित राज ने कहा कि राजनीतिक दल लोगों का एक समूह है जिसकी एक निश्चित विचारधारा और मांगें होती हैं। बसपा का कोई चुनावी घोषणा पत्र नहीं होता।
केवल चुनाव के समय वोट मांगने का कार्य होता है और उसके बीच कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याओं पर कोई संघर्ष नहीं होता।
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