Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

अखिलेश के ताजा रुख से मुख्तार की पार्टी के विलय को मंजूरी के कयास लगाए जा रहे

लखनऊ : मुख्तार अंसारी की पार्टी के एसपी में विलय को लेकर अखिलेश यादव अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है. जो पार्टी का फैसला होगा वो सभी मानेंगे. समाजवादी पार्टी के संसदीय बोर्ड की 25 जून को बैठक होने वाली है. अखिलेश के ताजा रुख से मुख्तार की पार्टी के विलय को मंजूरी के कयास लगाए जा रहे हैं.

इसके साथ ही यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने बीएसपी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि मौर्य अच्छे और मजबूत नेता हैं, लेकिन गलत दल में थे. हालांकि बीएसपी छोड़ चुके, स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. समाजवादी पार्टी के अलावा उनके बीजेपी के भी संपर्क में होने की खबर है. बताया जा रहा है कि वे बीएसपी के विधायक तोड़ने की भी फिराक में हैं.

गौरतलब है कि दो दिनों पहले ही मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के एसपी में विलय के बाद अखिलेश ने इस दोस्ती में भूमिका निभाने वाले मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया था. इससे पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने मंच पर सबसे सामने लगभग धक्का देर अखिलेश यादव को पीछे कर दिया था.

मुख्तार अंसार की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का मामला खटाई में पड़ गया है. अखिलेश यादव इस फैसले के खिलाफ हैं और अब इस मुद्दे पर आखिरी फैसला 25 जून को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा.

शिवपाल यादव की दलील है कि जिस मुख्तार अंसारी से अखिलेश यादव को समस्या है. उन्हें पार्टी में शामिल नहीं किया गया है. केवल मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को शामिल किया गया है. लेकिन, अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव की इस दलील को नामंजूर करते हुए विलय में अहम भूमिका निभानेवाले मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया था.

मुलायम सिंह पांच भाई हैं जिनमें शिवपाल सिंह यादव सबसे छोटे हैं. अखिलेश यादव मुलायम सिंह के बेटे हैं और रिश्ते में शिवपाल यादव के भतीजे हैं. सत्ता को लेकर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में संघर्ष की खबर पहले भी आती रही है. हालांकि मुलायम सिंह यादव ने दोनों के बीच संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की है.

अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री और यूपी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. तो शिवपाल यादव के पास कई अहम मंत्रालय है और वो यूपी समाजवादी पार्टी के प्रभारी हैं. लेकिन सत्ता का ये बंटवारा भी चाचा भतीजे के रिश्तों में आयी खटास को नहीं मिटा सका. अब मुख्तार अंसारी को लेकर हुए विवाद की वजह से मुलायम सिंह यादव का कुनबा विरोधियों के निशाने पर है.
Next Story
Share it