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उत्तर प्रदेश

कुछ मंत्रियों की हैसियत बढ़ेगी, कुछ की घटेगी, इन नामों पर लग सकती है मुहर

सपा हाईकमान की हर संभव कोशिश है कि पार्टी सत्ता में दोबारा वापसी करे, इसी को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार की अंतिम कसरत की जा रही है। विस्तार में जहां अंबिका चौधरी, महेंद्र अरिदमन सिंह, आनंद सिंह और नारद राय की वापसी का चर्चा हो रही है तो पश्चिम के दो मंत्रियों का कद बढ़ाने की बात चल रही है। यह भी माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने खास माने जाने वाले संजय लाठर, सुनील साजन और आनंद भदौरिया को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। बलराम यादव की बर्खास्तगी के बाद उनकी जगह उनके विधायक बेटे संग्राम सिंह यादव को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। राजा भैया को बड़ा विभाग देकर उनके खास तीन बार के एमएलसी यशवंत सिंह भी मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं। कुछ मंत्रियों हटाए भी जा सकते हैं।

अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार 27 जून सोमवार को सबेरे 11 बजे से राजभवन में होगा। राज्यपाल राम नाईक नए मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने के बाद दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी तो बसपा छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शपथ लें तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। इस विस्तार में कुछ मंत्रियों का राजनैतिक कद बढ़ाया जा सकता है तो कुछ मंत्रियों का कद घटाया भी जा सकता है। यह सब वर्ष 2017 में होने वाले आम विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राज्यपाल से मिलकर मंत्रिमंडल विस्तार के लिए समय मांगा था। चुनावी साल में शायद यह अंतिम विस्तार होगा। इससे पहले 31 अक्तूबर 2015 को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था जिसमें पांच को मंत्री, आठ को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और आठ को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। खास बात यह है कि इस समय अखिलेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 56 सदस्य हैं। संविधान के फामरूले के मुताबिक 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। इस तरह अखिलेश मंत्रिमंडल में 60 से ज्यादा मंत्री नहीं बन सकते हैं। इसलिए इस समय मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं। लेकिन माना जा रहा है कि चार से ज्यादा मंत्री शपथ लेगें। इसके लिए कुछ और मंत्रियों को हटाने की चर्चा है।
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