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उत्तर प्रदेश

सूखे को हराने की जिद: लातूर में लोगों ने खुद जुटाए 6 करोड़, 18 KM नदी साफ की

औरंगाबाद (महाराष्ट्र).सूखे की सबसे ज्यादा मार महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में पड़ी है। देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है।

हर किसान में  सिंचाई के लिए किए जा रहे मैनेजमेंट में सपोर्ट कर रहे हैं। यूं कहें कि सूखे को हराने की जिद हर किसान में नजर आई। लातूर में लोगों ने खुद 6 करोड़ रुपए इकट्ठा कर मांजरा नदी की 18 किमी तक सफाई कर डाली ताकि बारिश हो तो ज्यादा पानी सहेजा जा सके। बता दें कि 18 महीनों में मराठवाड़ा के 1626 किसान सुसाइड कर चुके हैं।


ये है सरकारी पानी बचाने का प्लान...



- सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में जलयुक्त शिवार योजना शुरू की है। वे खुद इसकी मॉनिटरिंग करते हैं।

- जलयुक्त शिवार यानी राज्य के गांवों में बारिश का पानी छोटे-छोटे खलिहानों में रोकना।

- इसके लिए खाली जमीन पर गड्‌ढे बनाए जाते हैं ताकि पानी को वेस्ट होने से रोका जा सके।

- कई जगहों पर नहरनुमा गड्ढे बनाए गए हैं। कई नालों और नहरों की सफाई की गई है। कुएं गहरे किए जा रहे हैं।


छोटे-छोटे तालाब बनाए गए


- पहली बारिश से पहले हुए काम को जांचने के लिए दैनिक भास्कर की टीम एक्सपर्ट्स के साथ निकली।

- इस सूखा प्रभावित क्षेत्र में करीब 80% काम के बेहतर तरीके से होने की पुष्टि हुई।

- लोगों ने जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब बनाकर पानी रोकने के लिए कोशिश की है।

- एक्सपर्ट्स की मानें तो इन स्थानों में छोटे किसानों की अवेयरनेस और उनका कॉन्ट्रीब्यूशन बेहतर नजर आ रहा है।

- उम्मीद की जा रही है कि अच्छी बारिश होने पर यहां सूखे की छाया नहीं दिखेगी।


किसान कैसे कर दे रहे हैं कॉन्ट्रीब्यूशन?


- इंडस्ट्री में 25% पानी की कटौती झेल चुके औरंगाबाद जिले के वैजापुर और गंगापुर तहसील में टैंकर से ज्यादा पानी सप्लाई किया जाता है।

- अंबेगांव में जानकीदेवी बजाज संस्था की ओर से नागझरी नदी की खुदाई का काम किया गया।

- गांव के हर किसान ने अपनी कैपेसिटी के मुताबिक 2100, 5 हजार तो किसी ने 11 हजार रुपए की मदद की।

- इसी तरह धार्मिक-सामाजिक संगठन, कॉलेज, एनजीओ, बिजनेसमैन भी जगह-जगह नदियों की सफाई में लगे है।

- ज्यादातर काम हो चुका है। अगर सामान्य बारिश भी होती है तो शिवार, नदियों व तालाबों में इतना पानी तो इकट्ठा हो जाएगा कि लोगों को तरसना न पड़े।



लातूर में मांजरा नदी की 18 किमी तक सफाई, लोगों ने 6 करोड़ रुपए जुटाए


- सूखे की मार लातूर, बीड़ और उस्मानाबाद जिलों में ज्यादा पड़ी। पानी की ट्रेन के कारण लातूर का नाम सुर्खियों में रहा।

- यहां भी लोगों को लगा कि पानी बचाने के लिए कुछ करना चाहिए। संघ और आर्ट ऑफ लिविंग ने यहां नदी गहरीकरण के लिए काम शुरू किया।

- देखते ही देखते सामाजिक संगठन, व्यवसायी और आम लोग जुड़ने लगे और 6 करोड़ रुपए इकट्ठा किए गए।

- यहां मांजरा नदी की 18 किमी तक सफाई और गहरीकरण किया गया। फिल्मस्टार रितेश देशमुख और राजनीतिक पार्टियों के नेता भी अभियान से जुड़ गए।

- इसी तरह एक करोड़ रुपए खर्च कर तेरणा नदी को भी जिंदा किया गया। बीड़ और उस्मानाबाद में लोगों के सहयोग से पानी बचाने के काम हो रहे हैं।

- नदियों की सफाई और गहरीकरण के बाद अब इंतजार है तो अच्छी बारिश का।

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