मुलायम-मुख्तार की दोस्ती खतरे में , विलय से अखिलेश खुश नहीं !
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्री बलराम यादव को पद से हटा दिया. सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव ने समाजवादी पार्टी और कौमी एकता दल के विलय में मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसको लेकर अखिलेश उनसे नाराज थे.
दोनों दलों के विलय की घोषणा से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव से मिलने गए शिवपाल यादव के साथ बलराम यादव भी गए थे. माना जा रहा है कि अखिलेश शिवपाल यादव पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, ऐसे में वो बलराम यादव को हटकर अपनी नाराज़गी का संदेश देना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं चुनावी हलचल तेज हो गई है. कई दिन की अटकलों के बाद आज आखिरकार समाजवादी पार्टी में बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय हो गया. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने ये विलय पूर्वांचल में मुस्लिमों को लुभाने के लिए किया है.
बाहुबली मुख्तार अंसारी भले ही खुद इस विलय का हिस्सा न बने हों लेकिन जेल में बंद ये वही बाहुबली मुख्तार अंसारी हैं जिन पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत कई केस चल रहे हैं.
अखिलेश खुश नहीं थे !
विलय से पहले ही ऐसा माना जा रहा था कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव कौमी एकता दल के साथ इस विलय को लेकर तैयार नहीं होंगे.
यह कयास इसलिए था क्योंकि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान पिता और पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह की मर्जी के बावजूद अखिलेश ने बाहुबली डीपी यादव को पार्टी में शामिल करने से इंकार कर दिया था.
कौमी एकता दल की ताकत
मुख्तार अंसारी की पार्टी के दो विधायक हैं. इनमें से एक मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह भी हैं जबकि बड़े भाई अफजल अंसारी सांसद रह चुके हैं और कौमी एकता दल के अध्यक्ष हैं.
दोनों दलों के विलय की घोषणा से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव से मिलने गए शिवपाल यादव के साथ बलराम यादव भी गए थे. माना जा रहा है कि अखिलेश शिवपाल यादव पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, ऐसे में वो बलराम यादव को हटकर अपनी नाराज़गी का संदेश देना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं चुनावी हलचल तेज हो गई है. कई दिन की अटकलों के बाद आज आखिरकार समाजवादी पार्टी में बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय हो गया. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने ये विलय पूर्वांचल में मुस्लिमों को लुभाने के लिए किया है.
बाहुबली मुख्तार अंसारी भले ही खुद इस विलय का हिस्सा न बने हों लेकिन जेल में बंद ये वही बाहुबली मुख्तार अंसारी हैं जिन पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत कई केस चल रहे हैं.
अखिलेश खुश नहीं थे !
विलय से पहले ही ऐसा माना जा रहा था कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव कौमी एकता दल के साथ इस विलय को लेकर तैयार नहीं होंगे.
यह कयास इसलिए था क्योंकि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान पिता और पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह की मर्जी के बावजूद अखिलेश ने बाहुबली डीपी यादव को पार्टी में शामिल करने से इंकार कर दिया था.
कौमी एकता दल की ताकत
मुख्तार अंसारी की पार्टी के दो विधायक हैं. इनमें से एक मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह भी हैं जबकि बड़े भाई अफजल अंसारी सांसद रह चुके हैं और कौमी एकता दल के अध्यक्ष हैं.
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