मील का पत्थर : ISRO, एक साथ रिकॉर्ड 20 सैटेलाइट होंगे लॉन्च
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक मिशन के तहत रिकॉर्ड 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। इसरो ने कहा है कि भारत के पृथ्वी निगरानी उपग्रह काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह समेत 20 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए काउन्टडाउन (उल्टी गिनती) निर्बाध प्रगति पर है। काउन्टडाउन कवायद में अंतरिक्षयान की जांच और पीएसएलवी-सी 34 के दूसरे चरण (पीएस 2) अभियान के लिए प्रणोदक भरने के अभियान के लिए तैयारियां प्रगति पर हैं।
इसरो ने कहा कि अंतरिक्षयान की जांच और पीएसएलवी-सी 34 के दूसरे चरण (पीएस 2) अभियान के लिए प्रणोदक भरने के अभियान के लिए तैयारियां प्रगति पर हैं। काउन्टडाउन सामान्य रूप से प्रगति कर रहा है। श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-34 के जरिए 20 उपग्रहों को आज प्रक्षेपित करने के लिए 48 घंटे का काउन्टडाउन सोमवार सुबह नौ बजकर 26 मिनट पर शुरू हुआ।
काउन्टडाउन तब शुरू हुआ जब प्रक्षेपण अधिकृति बोर्ड (एलएबी) ने अपनी मंजूरी दे दी और पीएस 4 के नाइट्रोजन के मिश्रित आक्साइड (एमओएन-3) को भरने का काम पूरा हुआ। काटरेसैट-2 श्रृंखला पिछली काटरेसैट-2, काटरेसैट-2ए और 2 बी की तरह है और उसके साथ भेजे जाने वाले 19 अन्य उपग्रहों को 505 किलोमीटर दूर स्थित ध्रुवीय सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में प्रविष्ट कराया जाएगा।
इसरो के अनुसार 20 उपग्रहों का कुल वजन तकरीबन 1288 किलोग्राम है। काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह के साथ जिन अन्य उपग्रहों को भेजा जाएगा उसमें अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ भारतीय विश्वविद्यालयों के भी दो उपग्रह हैं।
इसरो ने कहा कि अंतरिक्षयान की जांच और पीएसएलवी-सी 34 के दूसरे चरण (पीएस 2) अभियान के लिए प्रणोदक भरने के अभियान के लिए तैयारियां प्रगति पर हैं। काउन्टडाउन सामान्य रूप से प्रगति कर रहा है। श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-34 के जरिए 20 उपग्रहों को आज प्रक्षेपित करने के लिए 48 घंटे का काउन्टडाउन सोमवार सुबह नौ बजकर 26 मिनट पर शुरू हुआ।
काउन्टडाउन तब शुरू हुआ जब प्रक्षेपण अधिकृति बोर्ड (एलएबी) ने अपनी मंजूरी दे दी और पीएस 4 के नाइट्रोजन के मिश्रित आक्साइड (एमओएन-3) को भरने का काम पूरा हुआ। काटरेसैट-2 श्रृंखला पिछली काटरेसैट-2, काटरेसैट-2ए और 2 बी की तरह है और उसके साथ भेजे जाने वाले 19 अन्य उपग्रहों को 505 किलोमीटर दूर स्थित ध्रुवीय सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में प्रविष्ट कराया जाएगा।
इसरो के अनुसार 20 उपग्रहों का कुल वजन तकरीबन 1288 किलोग्राम है। काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह के साथ जिन अन्य उपग्रहों को भेजा जाएगा उसमें अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ भारतीय विश्वविद्यालयों के भी दो उपग्रह हैं।
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